यह आदेश आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act, 1955) के तहत जारी किया गया है और इसका पालन करवाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय औषध मूल्य निर
जानिए ड्रग प्राइस कंट्रोल आर्डर (Drug Price Control Order - DPCO) क्या है?
भारत सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए दवा मूल्य नियंत्रण आदेश (Drug Price Control Order - DPCO) लागू किया है कि ज़रूरी दवाएँ आम जनता की पहुँच में रहें और उनके दाम ज़रूरत से ज़्यादा न बढ़ें।
यह आदेश आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (Essential Commodities Act, 1955) के तहत जारी किया गया है और इसका पालन करवाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA - National Pharmaceutical Pricing Authority) की होती है।
सरल शब्दों में समझें
DPCO का मतलब है कि सरकार कुछ ज़रूरी दवाओं का अधिकतम खुदरा मूल्य (Maximum Retail Price - MRP) तय करती है।
इससे दवा कंपनियाँ उन दवाओं को तय कीमत से ज़्यादा पर नहीं बेच सकतीं।
उदाहरण से समझें
मान लीजिए पैरासिटामोल 500 mg (बुखार और दर्द की दवा) DPCO की सूची में है।
अगर NPPA तय करता है कि इसका अधिकतम मूल्य ₹1.00 प्रति टैबलेट होगा,
तो चाहे कोई भी कंपनी हो — जैसे Cipla, Sun Pharma, या Dr. Reddy’s,
उन्हें यह दवा ₹1.00 या उससे कम कीमत में ही बेचनी होगी।
वे बिना सरकार की अनुमति के इसकी कीमत नहीं बढ़ा सकते।
मुख्य बिंदु
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जारी करने वाला विभाग: भारत सरकार (रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय)
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लागू करने वाला प्राधिकरण: NPPA (राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण)
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किन दवाओं पर लागू: राष्ट्रीय आवश्यक औषध सूची (NLEM) में शामिल दवाएँ
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उद्देश्य: ज़रूरी दवाओं को सस्ती और सुलभ बनाना
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किस पर लागू: ब्रांडेड और जेनेरिक दोनों प्रकार की दवाओं पर
वास्तविक जीवन के उदाहरण
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इंसुलिन, ब्लड प्रेशर की दवाएँ, एंटीबायोटिक्स, और पेनकिलर (दर्द निवारक दवाएँ) DPCO के तहत आती हैं।
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इससे कोई भी कंपनी इन दवाओं के दाम मनमाने तरीके से नहीं बढ़ा सकती।
FAQ
प्रश्न 1: DPCO क्यों लागू किया गया?
उत्तर: ताकि ज़रूरी दवाएँ आम जनता को सस्ती दर पर मिल सकें और कंपनियाँ मनमानी कीमत न वसूलें।
प्रश्न 2: कौन-सी संस्था दवाओं की कीमत तय करती है?
उत्तर: राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) कीमत तय करता है।
प्रश्न 3: क्या DPCO सभी दवाओं पर लागू होता है?
उत्तर: नहीं, यह केवल राष्ट्रीय आवश्यक औषध सूची (NLEM) में शामिल दवाओं पर लागू होता है।
प्रश्न 4: अगर कोई कंपनी तय कीमत से ज़्यादा दवा बेचे तो क्या होता है?
उत्तर: NPPA उस कंपनी पर जुर्माना या कानूनी कार्रवाई कर सकता है।


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