SEO की fullform Search engine Optimization है। जिसका सीधा संबंध search engine से होता है। seo एक प्रकार से search engine में अपनी website को Top पर लाने के Rules होते है ताकि हमारी website पर traffic increase हो सके। अगर आप इन Rules को follow करते है तो आपकी website search engine में first Page पर show होती है। how to do seo, search engine optimization google, types of seo, what is seo, what is seo and how it works,
SEO क्या है ?? पूरी जानकारी और इसका फुल फॉर्म हिंदी में सीखें || What is SEO in Digital Marketing and Blogging || SEO Tutorials/Tools and How does it works
इस टॉपिक के बारे में अधिक आर्टिकल्स उपलब्ध नहीं हैं इसीलिए हम इस पोस्ट के माध्यम से आपके लिए इस विषय पर आपको पुरे विस्तार से जानकारी देंगे. आज हम आपको बिल्कुल simple शब्दों में इसके बारे में बताने वाले है। अगर आप इस Post को एक बार ध्यान से पढ़ ले तो आप आसानी से SEO के बारे में जान जायगे।
SEO की fullform Search engine Optimization है। जिसका सीधा संबंध search engine से होता है। ये एक ऐसी तकनीक जिसका इस्तेमाल करके वेबसाइट को सर्च इंजन के First Page पर Top Position हासिल करते हैं.SEO एक प्रकार से search engine में अपनी website को Top पर लाने के Rules होते है ताकि हमारी website पर traffic increase हो सके।आप समझ लें की जिस तरह आसमान में करोड़ों तारे हैं उसी तरह इंटरनेट में भी करोड़ों वेबसाइट हैं. लोग वैसे वेबसाइट को ही जानते हैं जिनको सर्च इंजन रिजल्ट पेज में ऊपर रखता है. अगर आप इन Rules को follow करते है तो आपकी website search engine में first Page पर show होती है।
What is SEO |
जब आप ब्लॉग्गिंग शुरू करते हैं तो SEO क्या है और कैसे करे ये सवाल आपको बार बार सुनने को मिलेगा. इसीलिए आपके मन में भी ये जानने की इच्छा जाग गयी होगी की आखिर ये सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन क्या है और क्यों जरुरी होता है? अगर आपने भी इसका नाम बार-बार सुना है या कही लिखा हुआ देख है या फिर आप internet और digital marketing में नये है तो यह word आपको बार-बार सुने को मिलता है।
Website को first Page पर लाना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि अधिकतर लोगों first page पर आने वाली website पर ही visit करना पसंद करते है और इसके लिए हमे Seo को follow करना पड़ता है।
SEO क्या है – What is SEO
SEO एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल करके हम अपने ब्लॉग पर लिखे हुए पोस्ट को ऑप्टिमाइज़ करते हैं जिससे की सर्च इंजन जैसे गूगल, बिंग, याहू के पहले पेज में टॉप पोजीशन में रैंक कराते हैं.
आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं क्यों की ये आप तक SEO की वजह से ही पहुंचा है. तो अब आप निश्चित हो जाएँ क्यों की आप बिलकुल सही जगह पर हैं.
कोई भी कंपनी या व्यक्ति अपनी website इसलिए बनाता है ताकि वह अपनी service और Product बेच सके परन्तु अगर उसकी website पर traffic यानी लोग ही visit नही करते तो वह अपने product कैसे बेचेंगे। इसलिए हमें अपने वेबसाइट को first page पर लाने की लिए Search engine optimization करनी पड़ती है। जिसे हमारी website पर traffic increase हो।
शुरुआत में तो एक नए ब्लॉगर को इस के बारे में कोई आईडिया नहीं होता है.
लेकिन धीरे धीरे नए ब्लॉगर को इस शब्द का महत्व पता चल जाता है और समझ में भी आ जाता है की सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के बिना ब्लॉग्गिंग करने से कोई फायदा है ही नहीं.
अगर किसी ब्लॉगर को इस के बारे में जानकारी नहीं है तो फिर उस ब्लॉगर का ब्लॉग इंटरनेट में बस खोया हुआ रहेगा और लोगों तक पहुंचेगा ही नहीं.
उदाहरण के तोर पर मान लें की आसमान में बहुत सारे तारें हैं लेकिन हम उसी को पहचानते हैं जो ज्यादा रौशनी देते हैं या हमारे नज़दीक होते हैं.
अगर हम ऑप्टिमाइजेशन को अच्छे से जानते हैं तो हम अपने ब्लॉग या वेबसाइट को 1 No. पोजीशन पर रैंक करा सकते हैं.
Websites पर traffic increase होने से हमारी online earning बढ़ती है। साथ ही website की value search engine में increase हो जाती है जिसे website की Ranking बढ़ती है।
उदाहरण के लिए – Search engine optimization बिल्कुल traffic Rules की तरह होता है। जैसे traffic को सुचारू रूप से चलाने के लिए हमे Roadmap की आवश्यकता होती है ताकि लोगों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े और वह जल्दी से अपना सही रास्ता चुनकर अपने Target तक पहुच सकते।
Search Engine Optimization नहीं करने पर हमारा वेबसाइट या ब्लॉग हमे Search Engine के result page में कहीं नज़र भी नहीं आएगा.
SEO Process |
ठीक उसी प्रकार SEO भी एक search engine Traffic Rules है। ताकि जब कोई कुछ भी सर्च कर उसे जल्दी से सही जानकारी मिले। इसके लिए search engine का Roadmap होता है जिसे SEO (Search engine optimization) कहते है।
चलिए इसे एक उदाहरण की मदद से समझते हैं. मान लीजिये मुझे Google से Laptop के बारे जानकारी निकलना है तो मैं सर्च करूँगा “Laptop क्या है” अब Google Laptop शब्द से जुड़े सभी ब्लॉग को Search result में दिखाएगा.
इसमें हमे अलग अलग बहुत सारी वेबसाइट नज़र आएँगी जिन्होंने Laptop के बारे में पोस्ट लिखा होगा.
तो हमारा जैसा Human nature है हम उस वेबसाइट या ब्लॉग को ओपन करेंगे जो 1st नंबर पर होगा.
अगर उसमे हमे जानकारी से संतुष्टि नहीं मिलेगी तो 2nd और 3rd नंबर के ब्लॉग को ओपन कर के Laptop के बारे information निकाल लेंगे.
Google search engine अपने user experience बढ़ने के लिए SEO factor का इस्तेमाल करता है ताकि उनके user को fastly और correctly information दे सके।
सर्च रिजल्ट में जो 1st नंबर पर ब्लॉग है उसकी Search Engine Optimization सबसे स्ट्रांग है तभी वो No 1. पे rank कर रहा है. 1st रैंक पर रहने से ज्यादा ट्रैफिक मिलने के chances होते है और revenue भी बहुत अच्छी होती है.
हर search engine के अपने seo factor होते है। आज के समय मे Google सबसे बड़ा search engine है जो पूरी दुनिया मे सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है। google लगभग 200 SEO factor पर काम करता है।
अगर आप SEO को एक लाइन में समझना चाहते है तो आप यह जान ले कि google वही content को पसंद करता है जिसे user पढ़ना पसन्द करते है। जिसे वह content अपने आप first page पर चला जाता है। और अगर पसंद नही करते तो धीरे- धीरे नीचे चला जाता है। यह google SEO का सबसे important factor है।
Search engine क्या होता है
हम सभी जानते हैं की Google क्या है यह दुनिया का सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला सर्च इंजन है.
गूगल के अलावा Bing और Yahoo भी दूसरे सर्च इंजन हैं जो प्रयोग किये जाते हैं. Search Engine Optimization करने के बाद हम अपने वेबसाइट को Search engines में रैंक कराते हैं.
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Search Engine कैसे काम करता है
सबसे पहले आपके लिए यह जाना बहुत जरूरी है कि search engine क्या है। search engine एक ऐसा search engine एक ऐसा alogrithum है जो हमारे द्वारा internet पर search की गई जानकारी की सही information देने का काम करता है इसके लिए वह अपने डेटा base में मौजूद जानकारी को fastly crawl, index और Rank देता है जिसे SERP (Search engine Result Page) कहते है। किसी भी Page को search Result में Top पर लाने के लिए SEO की बहुत बड़ी भूमिका होती है। google,Yahoo, Bing यह सब search engine है।
SERP क्या है?
SERP यानि Search Engine result Page. जब हम गूगल या किसी दूसरे सर्च इंजन में किसी कीवर्ड को सर्च करते हैं तो वो सारे रिजल्ट्स को अपने पेज में शो करता है. सर्च करने पर ये जो पेज खुल कर आता है उसे ही Search Engine result Page बोलते हैं.
Search Engine result Page पर जो रिजल्ट्स आती है लिस्ट के तोर पर उसमे 2 तरह की Listings होती है.
- Organic listing
- Inorganic Listing
1. Organic Listing
Organic listing वो लिस्टिंग है जिसमे हम बिना पैसे खर्च किये हुए सर्च इंजन के रिजल्ट पेज पर आते हैं.
लेकिन इसके लिए हमे सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन करना पड़ता है. Organic listing सबसे बेस्ट होती है क्यों की इससे हमे रेगुलर ट्रैफिक मिलती रहती हैं.
2. Inorganic Listing
जब हम पैसा खर्च कर के गूगल के रिजल्ट पेज पर आते हैं तो इस को हम Inorganic listing बोलते हैं. ये लिस्टिंग स्टेबल नहीं होती यानि जब तक हम गूगल को पैसा देते रहेंगे तभी तक हम रिजल्ट पेज पर आ सकते हैं.
Search Engine with Paid Ads products listed as Inorganic |
Search Engine कैसे काम करता है
जैसे अगर आप search करते हो “what is seo” तो Search engine पहले से ही crawl और index की हुई Ranking list को आपके सामने ले आता है। जिसे search engine के bots और spider लगातार 24 hours crawl और index करके अपनी Ranking list बना लेते है। और जैसे ही आप कुछ सर्च करते है तो वह आपको search engine Result Page(SERP) पर दिखाई देती है।
वैसे तो सभी search engine के काम करने की अलग अलग technic होती है। लेकिन हर search engine तीन step में काम करता है।
- Crawling
- Indexing
- Ranking
अब आप समझ चुके होंगे कि search engine क्या है और कैसे काम करता है। इसलिए अब आपको search engine optimise समझने में आसानी होगी। क्योंकि SEO का सीधा संबंध search engine से होता है।
SEO के प्रकार
1. On page Seo
2. Off page Seo
Search engine optimization के दो importent factor है। सबसे पहले हम बात करते है on page SEO के बारे में क्योकि यह website पर organic traffic increase करने का सबसे important factor है।
On-Page SEO
जैसा कि इसके नाम से पता चलता है "On-Page SEO" एक ऐसी तकनीक है जिसमें ब्लॉग के अंदर ही एसईओ किया जाता है। यह Organic Search द्वारा Traffic बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा माध्यम है। ऐसा करने से आपको google search result में अच्छी रैंक मिल सकती है
On page SEO के बहुत सारे factor होते है जिनकी help से आप अपनी website को on page के लिए optimize कर सकते है हम आपको कुछ common factor बताने वाले है।
Title
Meta Tags
Search Description
Lables
Permalinks
Responsive Themes
Speed of Page
Image Optimization
Alt text
Header Tags (H1, H2 , H3, H4, H5,)
Keyword density
Hyperlinking (Internal Linking)
Keyword Research
Sitemap
Robot.txt
Google Analytics
Google Tag Manager
SSL(HTTPS)
Webmaster Tool
Link Creation and Building
Keyword Tool
Google Search Console
Title
जब हम कीवर्ड रिसर्च कर के पूरा कर लेते हैं तो जिस टारगेट कीवर्ड पर पोस्ट को रैंक कराना चाहते हैं उसी कीवर्ड को हम पोस्ट title में भी डालते हैं.
Meta Tags and Search Description
आपने जिन कीवर्ड के आधार पर पोस्ट को रैंक करने का प्लान किया है उन कीवर्ड्स को अपने पोस्ट के description में जरूर डालें.
यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है की सिर्फ गूगल को ही ध्यान में रख कर description ऐसा न लिखें की उसका कोई meaning न निकले बल्कि ऐसा लिखें की लोगों की नज़र पड़ते ही वो पोस्ट को ओपन किये बिना ना रह सके.
Meta Tags एक वेबसाइट के सेक्शन में रखे गए Html टैग हैं
Meta tags विवरण में आप अपने ब्लॉग पोस्ट search engine के short description उपयोग कर सकते हैं जैसे कि Google , Yahoo aur Bing इस Meta description का उपयोग उनकी search लिस्टिंग में दिखाने के लिए करते हैं।
Meta Keywords
मेटा कीवर्ड एक अन्य प्रकार के मेटा टैग हैं जो सर्च इंजन को पेज के विषय के बारे में बताकर उनकी मदद करते हैं। आप उन महत्वपूर्ण कीवर्ड को जोड़ सकते हैं जिन्हें आगंतुक (visitors) आपके ब्लॉग पर जाने से पहले खोज सकते हैं। मेटा कीवर्ड की सामान्य संरचना नीचे दी गई है
Permalinks
हमारा पोस्ट का जो भी URL होता है वहां पर main कीवर्ड का इस्तेमाल करना जरुरी है. हमेशा इस बात को ध्यान रखते हैं की post permalink में कभी भी stop word जैसे (am,is ,are,on) ना करें.
साथ ही post permalink में कभी भी ऐसे words का इस्तेमाल ना करें जिसे कभी बदलने की जरुरत पड़े. URL जितना छोटा हो उतना अच्छा है.
Permalink example |
Keyword research
मैंने यहाँ पहले पॉइंट में ही कीवर्ड रिसर्च को जगह दिया है क्यों की यही से पोस्ट लिखने की शुरुआत होती है. जो नए ब्लोग्गेर्स होते हैं वो कीवर्ड रिसर्च में ध्यान नहीं देते हैं.
अगर मैं सही हूँ तो आप भी कीवर्ड रिसर्च पर ध्यान नहीं देते हैं इसीलिए आपकी पोस्ट रैंक नहीं कर रही है.
कीवर्ड रिसर्च के बिना पोस्ट लिखने का कोई फायदा नहीं है बस समझ ले की इसके बिना आप बस टाइम की बर्बादी कर रहे हैं.
तो आखिर ये कैसे करें? मैं यहाँ पर आपको बस अपने स्टेप्स बता रहा हूँ जिसे आप फॉलो करें जरूर सफलता मिलेगी.
आप अपने इंटरेस्टेड टॉपिक्स के बारे में एक लिस्ट तैयार कर लें की आपको किस किस टॉपिक पर लिखना है.
फिर एक बार में सिर्फ एक टॉपिक को चुन लें और उसके लिए एक नयी फाइल नोटपैड या फिर वर्डपैड में बना लें. अब हमे इस एक टॉपिक के कीवर्ड तलाशने हैं.
दोस्तों आज के समय में Head कीवर्ड पर बिलकुल भी ध्यान न दें बल्कि उस कीवर्ड के long-tail कीवर्ड को सर्च करना जरुरी है.
Headings Uses ( H1, H2, H3, H4, H5, H6)
Heading में अपने चुने हुए focus phrase का इस्तेमाल जरूर करें. अपना पोस्ट जब भी लिखें तो H1 का इस्तेमाल न करें क्यूंकि पोस्ट का title H1 होता है इसीलिए अपने पोस्ट के अंदर H2, H3, H4… आदि का जरुरत के अनुसार इस्तेमाल करें.
Image Optimization and Alt text
Image का ऑप्टिमाइजेशन 2 चीज़ों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है.
पहला तो ये की इसका साइज कम होना चाहिए क्यूंकि इमेज का साइज जितना अधिक होगा वो पेज के लोडिंग टाइम को बढ़ाएगा इसीलिए इमेज को compress कर के डालें और साथ ही इमेज में alt attribute में अपने कीवर्ड का इस्तेमाल करें.
Hyperlink and Internal linking
अपने लिखे जा रहे पोस्ट से जुड़े पोस्ट के लिंक को भी जरूर add करें ताकि लोगों को टॉपिक समझने में आसानी हो. इससे विजिटर आपके दूसरे पोस्ट को पढ़ेंगे और आप यूजर इंगेजमेंट बढ़ा सकते हैं.
साथ ही ये दूसरे पोस्ट के लिए भी बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है जिससे की गूगल को उसके लिए रैंकिंग में मदद मिलती है.
जो पोस्ट पहले से रैंक हैं उस में नए पोस्ट के लिंक ऐड कर के उसे भी आसानी बिना कोई बैकलिंक बनाये यानो जीरो बैकलिंक होते हुए भी रैंक करा सकते हैं.
Social Media Optimization
अपने पोस्ट को social sites फेसबुक,ट्विटर,इंस्टाग्राम में जरूर शेयर करें. इन सोशल साइट्स की रैंकिंग बहुत अच्छी होती है जब वहां से कोई भी विजिटर आता है तो इससे गूगल को उस पोस्ट के लिए पॉजिटिव सिग्नल मिलता है जिससे उस पोस्ट की रैंकिंग इम्प्रूव होती है.
Google Search Console
हम Google Search Console पर अपना URL रजिस्टर कर सकते हैं क्रॉलर सर्वर पर नई वेबसाइट को Index करने के लिए World Wide Web ब्राउज़ करता है और हमारी साइट को समग्र रैंकिंग में मदद करता है
अपनी वेबसाइट यहाँ रजिस्टर करें Google Search Console पर
Robots.txt
Robots.txt की मदद से हम क्रॉलर को प्रतिबंधित कर सकते हैं क्योंकि जिस फाइल को हम प्रतिबंधित करना चाहते हैं उसे इंडेक्स नहीं कर सकते हैं हम अपनी वेबसाइट की Admin File को index नहीं करना चाहते हैं
Robots.txt फ़ाइल कैसे ब्राउज़ (Browse) करें
"xyz.com/robots.txt "
"xyz.com/wp-admin" Admin File को index नहीं करना चाहते हैं इसे प्रतिबंधित करके
क्रॉलर ब्राउज़िंग के लिए हमारी वेबसाइट कंट्रोल पैनल में robots.txt का रूट फोल्डर में ज़रूरी मौजूद होना चाहिए
Sitemap
एक साइटमैप Google को बताता है कि आपकी साइट में कौन से पृष्ठ और फ़ाइलें महत्वपूर्ण हैं, और इन फ़ाइलों के बारे में मूल्यवान जानकारी भी प्रदान करता है: उदाहरण के लिए, पृष्ठों के लिए, जब पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया था, तो पृष्ठ को कितनी बार बदला गया है, और कोई भी वैकल्पिक भाषा संस्करण एक पृष्ठ का।
XML Sitemap |
www.xml-sitemaps.com पर जाएं
अपनी वेबसाइट के URL लिंक को वहां रखें (Put) और अपनी वेबसाइट पर साइटमैप प्राप्त करें
और फिर इसे Google search console में डालें
xyz.com/sitemap.xml
xyz.com/sitemap.html
SSL
सिक्योर सॉकेट्स लेयर (एसएसएल) एक सर्वर और एक क्लाइंट के बीच एक एन्क्रिप्टेड लिंक की स्थापना के लिए एक मानक सुरक्षा तकनीक है - आमतौर पर एक वेब सर्वर (वेबसाइट) और एक ब्राउज़र, या एक मेल सर्वर और एक मेल क्लाइंट (जैसे, आउटलुक)।
Off Page SEO
अपनी website और Post को search engine में Rank करने के लिए उसके link को internet पर promote करना off Page SEO कहलाता है।
जब आपकी post को internet पर promote और share किया जाता है तो इसे search engine को कुछ signal जाते है। जिसे search engine उस Post की Ranking increase कर देता है।
Off Page SEO करने के बहुत सारे तरीके है। जिनकी help से आप अपनी Post की Ranking increase करके अपनी website का Traffice बढ़ा सकते है। हम आपको कुछ off Page करने के तरीके बता रहे है।
Social Media Optimization
Guest Post
Backlinks
Blog Commenting
Discussion site (Quora)
Video Sharing Site (Youtube)
Backlinks
जब आपकी वेबसाइट के किसी पोस्ट या होमपेज का लिंक किसी दूसरे वेबसाइट में जुड़ता है तो एक returning link आपके वेबसाइट को मिलता है जिसे बैकलिंक बोलते हैं. DA बढ़ने के लिए बैकलिंक एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज़ है.
लेकिन कभी भी अंधाधुंध बैकलिंक न बनायें. गेस्ट पोस्ट लिख कर और फोरम में डिस्कशन कर के नेचुरल तरीके से बैकलिंक बनायें और आपकी साइट की निचे के हिसाब से बैकलिंक बनाने की कोशिश करें.
एक dofollow backlink क्या है?
anchor text
एक nofollow backlink क्या है?
Nofollow backlink अथॉरिटी को पास नहीं करता क्योंकि वेबसाइट के HTML कोड में टैग rel = "nofollow" इन क्रॉलरों को इन backlinks को फॉलो नहीं करने के लिए कहता है। Google nofollow लिंक में प्राधिकरण या एंकर टेक्स्ट को स्थानांतरित नहीं करता है।
anchor text
Discussion Sites
आप ने Quora का नाम जरूर सुना होगा लोग इस में अपने question डालते हैं और एक्सपर्ट्सन सवालों के जवाब देते हैं.
जब वो कोई जवाब लिखते हैं तो साथ में एक reference लिंक भी जरुरत के अनुसार देते हैं. इस तरह उन्हें इसके जरिये Quora से भी ट्रैफिक मिलती है.
Social Media Optimization
अपने ब्लॉग पोस्ट को फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर साझा करें .
SEO तकनीक
White hat SEO
Black hat SEO
Seo Techniques भी दो प्रकार की होती है। जिन्हें आपके लिए समझना बहुत जरूरी है। अगर आप इन्हें नही समझते तो आप traffic increase करने की जगह अपनी website को नुकसान पहुंचा देते है।
White HAT SEO
जब आप अपनी website के लिए natural way से search engine optimisation और link building करते है तो उसे white hat SEO कहते है। india के Best Hindi Blog और Blogger इसी Technique का इस्तेमाल करते है यह आपकी website के लिए बहुत अच्छे होते है। इसे website की value बढ़ने के साथ traffic भी increase होती है।
Black Hat SEO
जब किसी website को google में rank करने के लिए search engine की guidelines follow नही की जाती उसे Black hat SEO कहते है। इसके इस्तेमाल से website पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
तो दोस्तो इस पोस्ट में हमे आपको Seo क्या होता है और वह किसी भी website के लिए कितना जरूरी होता है इसके बारे में बिल्कुल आसान शब्दो मे बताया है और इसे आपको जरूर मद्त मिली होगी तो अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो उसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और फिर आपको कोई समस्या आती है तो हमे Comment में जरूर बतायें।
SEO क्यों जरुरी है? (Why SEO is Necessary)
किसी भी ब्लॉग या वेबसाइट को बनाने का मकसद होता है उसे लोगों तक पहुँचाना. ब्लॉग या वेबसाइट बनाना अलग बात है और उसे लोगों तक पहुँचाना बिलकुल अलग बात है.
मान लीजिये हमने बहुत मेहनत कर के वेबसाइट या ब्लॉग बनाया. उसमे हमने ढेर सारे पोस्ट भी लिख दिए. और हमने SEO के लिए कुछ भी नहीं किया. तो फिर हमारे ब्लॉग को सर्च इंजन कभी भी अपने रिजल्ट में show ही नहीं करेगा.
अब आप इतना तो समझ ही गए होंगे की अपने ब्लॉग या वेबसाइट को लोगो को दिखाना है तो उसे सर्च इंजन के रिजल्ट में शो कराना पड़ेगा और सर्च इंजन में show कराने के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन करना पड़ेगा.
इस तकनीक के बारे में जितनी अच्छे से नॉलेज होगी हम अपने वेबसाइट या ब्लॉग को उतना ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकेंगे. जितने ज्यादा लोग हमारे ब्लॉग या वेबसाइट को देखेंगे हमारी revenue उतनी ज्यादा होगी.
यह तकनीक बहुत ही आसान तकनीक है अगर इसे हम बढ़िया से समझ लेते हैं. फिर हमे बस systematic तरीके से इस तकनीक को फॉलो करते हुए ब्लॉग पर काम करना है. इससे हम बहुत कम दिनों में ही अपने पोस्ट या आर्टिकल को गूगल पर रैंक करा सकते हैं.
हर ब्लॉगर अपने पोस्ट या आर्टिकल को पहले टॉप 10 पर ही रैंक कराना चाहता है.
क्यूंकि आपने ये जरूर नोटिस किया होगा की जब कोई गूगल में कुछ जानकारी सर्च करता है वो पहले पेज से ही जानकारी ले लेता है. उसे 2nd पेज में जाने की जरुरत ही नहीं पड़ती. आप ही बताओ आप कितनी बार गूगल के दूसरे पेज में जाते हैं?
इस विषय को और अच्छे से समझने के लिए हमे एक-एक कर के और भी कुछ फैक्टर्स समझने होंगे, जो सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के हमारे Knowledge को और मज़बूत बना देगी.
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