नूपुर शर्मा जीवनी, जन्म तिथि, जन्म स्थान, आयु, पिता, माता, पद, धर्म, ऊंचाई, जाति, पति, प्रेमी, राष्ट्रीयता, करियर, राजनीतिक कैरियर, शिक्षा, राजनीति पार्टी, विधानसभा चुनाव, पसंद, पुरस्कार, तथ्य, अभियान, विवाद
बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा से जुड़ा विवाद
एक न्यूज चैनल पर बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा बीजेपी की तरफ से ज्ञानवापी केस का बचाव कर रही थीं और मुस्लिम विद्वान भी अपना पक्ष रख रहे थे. इस टीवी डिबेट के दौरान मुस्लिम विद्वानों द्वारा शिवलिंग को बार-बार फव्वारा कहा जा रहा था, और उन्होंने यह भी कहा कि वाराणसी की कई सड़कों पर कई फव्वारे हैं, उनकी भी हिंदुओं को पूजा करनी चाहिए।
इस प्रकार मुस्लिम विद्वान की इस बात को सुनकर भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने उनके खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया और गुस्से में आकर कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने 6 साल की बेटी से शादी की है। बस यही बयान विवाद का कारण बना और उसके बाद अरब, बहरीन, कतर, तुर्की जैसे देशों में नूपुर शर्मा के बयान का जोरदार विरोध हुआ, जिसके परिणामस्वरूप बीजेपी ने नुपुर शर्मा को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया।
उनके साथ एक अन्य प्रवक्ता नवीन जिंदल को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। कतर और ओमान जैसे देशों ने भी भारतीय उत्पाद के बहिष्कार की मांग की और इस्लामिक ग्रुप के संगठन ने भी भारत सरकार से इस मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट करने को कहा। इस बयान के बाद कई जगहों पर इसका विरोध भी हुआ था.
कानपुर में मुस्लिम समुदाय द्वारा भी विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमें हिंसा भड़क गई और पथराव में कई लोग घायल हो गए। अब योगी सरकार द्वारा कानपुर के दंगाइयों पर कार्रवाई की जा रही है. हालांकि नुपुर शर्मा ने यह भी कहा है कि उन्होंने वही कहा जो कुरान में लिखा है। नूपुर ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है, लेकिन फिर भी कट्टरपंथी उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.
हाल ही में एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयान को लेकर नुपुर शर्मा की हर तरफ चर्चा हो रही है. उनके द्वारा दिए गए बयान के कारण, उन्हें भाजपा द्वारा पार्टी से बाहर कर दिया गया था और उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई थी, क्योंकि कई इस्लामी समूह उन्हें मारने की धमकी दे रहे हैं। वहीं कतर, ओमान, अफगानिस्तान, इराक, ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों ने भी नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है, साथ ही कुछ अरब देशों में भारतीय उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
नूपुर शर्मा की वापसी की अटकलें: दिल्ली चुनाव 2025 के बाद बढ़ी चर्चा!
नूपुर शर्मा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व प्रवक्ता, हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों के बाद फिर से चर्चा में आई हैं। भाजपा ने 27 वर्षों के बाद दिल्ली में सत्ता में वापसी की है, जिससे नूपुर शर्मा का नाम सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा है।
दिल्ली चुनाव परिणाम पर नूपुर शर्मा की प्रतिक्रिया:
चुनाव परिणामों के बाद, नूपुर शर्मा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा किया: "आप कुछ समय के लिए सभी लोगों को मूर्ख बना सकते हैं, और कुछ लोगों को हर समय मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन आप सभी लोगों को हर समय मूर्ख नहीं बना सकते।" इस पोस्ट को आम आदमी पार्टी (आप) और अरविंद केजरीवाल पर तंज के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री पद के लिए नूपुर शर्मा का नाम:
भाजपा की जीत के बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए नूपुर शर्मा का नाम सोशल मीडिया पर जोर-शोर से उठाया जा रहा है। कई समर्थक उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त मानते हैं और उनकी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।
भाजपा में संभावित वापसी:
विशेष समुदाय पर विवादित टिप्पणी के बाद नूपुर शर्मा को भाजपा से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन अब चुनाव परिणामों के बाद उनकी पार्टी में वापसी की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
नूपुर शर्मा की राजनीतिक सक्रियता और भविष्य की भूमिकाओं पर सभी की निगाहें टिकी हैं, विशेषकर दिल्ली की राजनीति में उनकी संभावित वापसी को लेकर।
नूपुर शर्मा जीवनी
नाम : नुपुर शर्मा
जन्म: 23 अप्रैल 1985
जन्म स्थान: नई दिल्ली
आयु: 36
पिता: विनय शर्मा
व्यवसाय: राजनीतिज्ञ, वकील
पद : भाजपा प्रवक्ता
राजनीतिक दल: भारतीय जनता पार्टी
लंबाई: 5 फीट 3 इंच
वजन: 50 किग्रा
धर्म: हिंदू
जाति: ब्राह्मण
राशि: वृषभ
राष्ट्रीयता: भारतीय
वैवाहिक स्थिति: अविवाहित
शिक्षा: एलएलएम (स्नातकोत्तर)
नूपुर शर्मा का प्रारंभिक जीवन
एक टीवी डिबेट में मोहम्मद साहब पर दिए गए विवादित बयान से सुर्खियों में आईं ब्राह्मण परिवार की बेटी नूपुर शर्मा का जन्म 23 अप्रैल 1985 को भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था. जिस परिवार में उनका जन्म हुआ वह लंबे समय से व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। उनके पिता का नाम विनय शर्मा है।
नूपुर शर्मा शिक्षा
जब नूपुर शर्मा को थोड़ी समझ आ गई तो माता-पिता से उनकी पढ़ाई कराने के मकसद से उनका एडमिशन राजधानी दिल्ली के दिल्ली पब्लिक स्कूल में कराया गया. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल से प्राप्त की और उसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और यहां से डिग्री प्राप्त करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए यूके चली गईं।
यूके में, उन्होंने एलएलएम कोर्स करने के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रवेश लिया और यहीं से उन्होंने सफलतापूर्वक एलएलएम की डिग्री पूरी की।
नूपुर शर्मा दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015
लंबे समय से राजनीति में सक्रिय नूपुर शर्मा ने साल 2015 में राजनीति में कदम रखने का फैसला किया, दरअसल साल 2015 में दिल्ली राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे और इस चुनाव में नूपुर शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से अपना नामांकन भी दिया। और उन्होंने नई दिल्ली को अपने विधानसभा क्षेत्र के रूप में चुना।
हालांकि आपको बता दें कि नई दिल्ली की विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना इतना आसान नहीं था, क्योंकि यह हाई प्रोफाइल सीट थी। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भी इस सीट से चुनाव लड़ रहे थे, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भी इसी मैदान से कांग्रेस की मजबूत नेता किरण वालिया को अपना उम्मीदवार बनाया था.
जब ये चुनाव हो रहे थे तो पूरे भारत में भाजपा की जोरदार लहर चल रही थी। ऐसे में राजनीति का आकलन करने वाले लोगों की ओर से कहा जा रहा था कि नूपुर शर्मा चुनाव जीतेंगी. हालांकि जैसे-जैसे चुनाव के नतीजों का रुझान आने लगा, यह दिखने लगा कि यहां आम आदमी पार्टी की ज्वाला नहीं चल रही है.
दरअसल, 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस और बीजेपी के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल को भी पीछे छोड़ते हुए दिल्ली में भारी जीत हासिल की थी. 2015 के चुनाव में अरविंद केजरीवाल को कुल 57213 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी उम्मीदवार नुपुर शर्मा को 25630 वोट मिले थे.
नुपुर शर्मा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्
एबीपीवी एक छात्र संगठन है जो बीजेपी को ही सपोर्ट कर रहा है। इस प्रकार नूपुर शर्मा कॉलेज के दौरान ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़ी रहीं। स्वाभाविक रूप से उनका झुकाव शुरुआत में भारतीय जनता पार्टी की ओर था और इस तरह नूपुर शर्मा भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं, जिसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी में कई महत्वपूर्ण पद मिले।
राजनीति में अपने करियर की शुरुआत करने वाली नुपुर शर्मा टीच फॉर इंडिया की यूथ एंबेसडर भी रह चुकी हैं। इसके अलावा नुपुर शर्मा भारतीय जनता युवा मोर्चा की युवा शाखा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की सदस्य भी रह चुकी हैं।
नुपुर शर्मा को भारतीय जनता पार्टी द्वारा कार्यसमिति में मीडिया प्रभारी का युवा सदस्य भी बनाया गया है। इसके अलावा उन्हें भाजपा की ओर से भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी समिति का सदस्य भी बनाया गया था।
राजनीति में दिलचस्पी रखती हैं नूपुर शर्मा
नूपुर शर्मा बचपन से ही बहुत तेजतर्रार थीं, क्योंकि वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी आगे थीं और पढ़ाई के दौरान उन्होंने राजनीति में भी दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी, जिसके चलते वे कॉलेज के समय से ही राजनीतिक बातें करने लगी थीं। जब नूपुर शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई कर रही थीं, तब वह सक्रिय सदस्य के रूप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी शामिल हुईं।
छात्र परिषद के सदस्य होने के साथ-साथ उन्हें एबीपी द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यक्ष का टिकट भी दिया गया था और आपको आश्चर्य होगा कि वे दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यक्ष का पद पाने में भी सफल रहे थे।
नुपुर शर्मा बीजेपी प्रवक्ता
2015 के चुनाव में भले ही नूपुर शर्मा की हार हुई हो, लेकिन लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई, बल्कि उनकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी और इसके परिणामस्वरूप पार्टी में उनका कद भी बढ़ता गया। जा रहा था।
नूपुर शर्मा के अंदर एक खास कला थी कि, वह भाषण तो बखूबी देती थीं, साथ ही टीवी डिबेट में अपने दमदार तथ्यों को रखते हुए विपक्षी दलों के प्रवक्ताओं की बात करना बंद कर देती थीं और भाजपा की नूपुर शर्मा की इस विशेषता को देखकर आलाकमान ने उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया, जिसके बाद वह अलग-अलग टीवी डिबेट में नजर आने लगी और भाजपा पार्टी की ओर से अपनी बात लोगों के सामने रखी।
नुपुर शर्मा की पसंद
नूपुर शर्मा हमेशा से खुले विचारों वाली रही हैं। राजनीति में उनकी रुचि शुरू से ही रही। हालांकि, राजनीति के अलावा उन्हें और भी कई चीजों में दिलचस्पी है और उनकी कई पसंदीदा चीजें भी हैं। नूपुर शर्मा को देश के साथ-साथ विदेश घूमने का भी बहुत शौक है, और एक अच्छी लेखिका भी हैं।
इन्हें किताबें पढ़ना भी अच्छा लगता है, साथ ही लोगों के सामने अपने विचार प्रस्तुत करते हैं। वर्ष 2009 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर वह प्रसिद्ध मीडिया समूह "द टाइम्स ऑफ इंडिया" की अतिथि संपादक भी रह चुकी हैं।
नुपुर शर्मा और पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी
वैसे तो नुपुर शर्मा लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं और उस समय में उन्होंने काफी पहचान भी बनाई है, लेकिन उन्हें वो शोहरत कभी नहीं मिली, जो उन्हें पिछले 10 दिनों से मिल रही है. नूपुर शर्मा के चर्चे अब भारत के हर राज्य में हो रहे हैं. इसके अलावा 56 इस्लामिक देशों में भी नूपुर शर्मा का नाम लिया जा रहा है। नूपुर शर्मा के बारे में नीदरलैंड के सांसद भी जानने लगे हैं।
तथ्य यह है कि एक मुस्लिम विद्वान द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर में मौजूद शिवलिंग को एक टीवी डिबेट में बार-बार फव्वारा बताने से नुपुर शर्मा की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं, जिसके परिणामस्वरूप नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर ऐसा बयान दिया जिससे विवाद हुआ। . आया और उसके बाद से मुस्लिम समुदाय के उस बयान का सोशल मीडिया के साथ-साथ धरातल पर भी काफी विरोध हुआ और नूपुर शर्मा द्वारा विरोध करते हुए दिया गया बयान भी अरब देश में पहुंच गया है, जिसके बाद अरब देश वहां पहुंच गया है. कतर, ओमान और सऊदी अरब जैसे दुनिया के कुछ देशों की कड़ी प्रतिक्रिया थी।
नतीजतन, नुपुर शर्मा को भारतीय जनता पार्टी द्वारा दबाव में राष्ट्रीय प्रवक्ता से हटा दिया गया था। नूपुर शर्मा के साथ नवीन जिंदल को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया है. हालांकि, नूपुर शर्मा को पार्टी से निकाले जाने के बाद, उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई थी, क्योंकि कई इस्लामिक समूह नुपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
पार्टी से निकाले जाने के बाद नूपुर शर्मा का रवैया शांत नहीं हुआ। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि टीवी डिबेट में मैंने वही कहा जो इस्लामिक किताब कुरान में लिखा है। अगर मेरे साथ अन्याय हुआ तो मैं सब कुछ सबूत के साथ कोर्ट में रखूंगा। उन्होंने कहा कि इस्लामिक लोगों की आस्था आस्था है लेकिन हिंदुओं की आस्था आस्था नहीं है, यह कैसा पाखंडी व्यवहार है। नूपुर शर्मा के पार्टी से निष्कासन के बाद, विभिन्न हिंदू समुदायों के लोगों ने भाजपा पार्टी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नुपुर शर्मा के साथ गलत किया।
नूपुर शर्मा कैंपेन
एक शानदार प्रवक्ता होने के कारण नुपुर शर्मा को 2012 में अमेरिका में बीजेपी द्वारा भारत-पाकिस्तान शिखर सम्मेलन के सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। नूपुर शर्मा जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ रही थीं, तब उन्होंने डीयू@डोरस्टेप कैंपेन को भी होस्ट किया था।
इसके साथ ही नूपुर शर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय की कई परियोजनाओं में भी हिस्सा लिया है जैसे विश्वविद्यालय की सुरक्षा के लिए सोलर लाइट, पानी और सीसीटीवी सिस्टम, साथ ही आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक अभियान शुरू करना।
नूपुर शर्मा के बारे में रोचक तथ्य
पैगंबर मुहम्मद पर की गई टिप्पणी के कारण इस्लामिक देशों के संगठन द्वारा नूपुर शर्मा का विरोध किया गया है। वही डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने भी नूपुर शर्मा का समर्थन किया है। हालांकि इन्हें सपोर्ट करने वालों की संख्या और भी ज्यादा है.
नूपुर शर्मा को पैगंबर पर उनकी टिप्पणी के कारण कई इस्लामी समूहों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई है। सरकार ने उन्हें पुलिस सुरक्षा दी है।
2009 में, 26 जनवरी को एक विशेष प्रसारण में, भाजपा नेता नुपुर शर्मा को टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा अतिथि एंकर के रूप में बुलाया गया था।
साल 2009 में हिंदुस्तान टाइम्स ने भारत की टॉप टेन वुमन इंस्पिरेशन पर्सनैलिटी की लिस्ट दी थी, जिसमें उनका नाम भी था।
नूपुर शर्मा को दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यक्ष का पद भी मिल चुका है।
सामान्य प्रश्न:
प्रश्न: नूपुर शर्मा ने पैगंबर पर टिप्पणी क्यों की?
ANS: जब काशी विश्वनाथ में मिले शिवलिंग को फव्वारा बताया, तो नुपुर शर्मा ने गुस्से में आकर टिप्पणी की?
प्रश्न: नूपुर शर्मा का अब क्या कहना है?
ANS: वह अपने बयान पर कायम हैं। उनका कहना है कि अगर उन्हें प्रताड़ित किया गया तो वह कोर्ट में साबित करेंगी कि उन्होंने जो कहा है वह कुरान में लिखा है।
प्रश्न: नूपुर शर्मा कौन हैं?
ANS: यह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं
सवाल: नुपुर शर्मा विवादों में क्यों हैं?
उत्तर: पैगंबर पर दी गई टिप्पणी के कारण
प्रश्न: नूपुर शर्मा की जाति क्या है?
उत्तर: ब्राह्मण
प्रश्न: नूपुर शर्मा के बयान पर क्या प्रतिक्रिया थी?
ANS: कई अरब देशों ने भारत सरकार के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
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