बुलेटप्रूफ जैकेट में दो परतें होती हैं; सबसे ऊपर सिरेमिक परत है और उसके बाद बैलिस्टिक परत है। इन दोनों परतों को मिलाकर जैकेट तैयार की जाती है। जैकेट ब
बुलेटप्रूफ जैकेट कैसे बनाई जाती है और यह कैसे सुरक्षा करती है ?
इस लेख में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि यह बुलेटप्रूफ जैकेट कैसे बनती है और यह जैकेट बुलेट के असर को कैसे खत्म करती है?
बुलेटप्रूफ बनियान बनाने के लिए किस प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जाता है?
बुलेटप्रूफ जैकेट के निर्माण के लिए सबसे पहले इसके लिए जरूरी कपड़े बनाए जाते हैं। इसके लिए रेशे या फिलामेंट का उत्पादन किया जाता है जो वजन में हल्का लेकिन मजबूत होता है।
इसमें सबसे प्रसिद्ध सामग्री का नाम "केवलर" है जो एक पैरा-आर्मीड सिंथेटिक फाइबर है। तरल रासायनिक मिश्रण से एक ठोस धागे को कताई करके केवलर का उत्पादन किया जाता है। एक अन्य फाइबर, डायनेमा, पॉलीइथाइलीन बेस से बनाया जाता है। यह बहुत मजबूत होने के साथ-साथ बहुत हल्का भी होता है।
बुलेटप्रूफ जैकेट कैसे बनती है?
बुलेटप्रूफ जैकेट में दो परतें होती हैं; सबसे ऊपर सिरेमिक परत है और उसके बाद बैलिस्टिक परत है। इन दोनों परतों को मिलाकर जैकेट तैयार की जाती है। जैकेट बनाने की प्रक्रिया में, फाइबर या फिलामेंट को एक बड़ी रील में बनाया जाता है,
इसके बाद इस रील और पॉलिथीन बेस की मदद से मजबूत शीट (बैलिस्टिक शीट) का निर्माण किया जाता है। तैयार धागे को अंतिम बैलिस्टिक शीट पर लगभग 130-200 मीटर (320-660 फीट) की लंबाई में घुमाया जाता है, जो किसी अन्य कपड़े के रोल की तरह दिखता है।
बुलेटप्रूफ जैकेट कैसे काम करती है?
जब कोई बुलेट बुलेटप्रूफ जैकेट से टकराती है, तो वह सबसे पहले सिरेमिक परत से टकराती है। बहुत मजबूत सिरेमिक परत से टकराने पर गोली का अगला नुकीला सिरा टुकड़ों में टूट जाता है और गोली छोटे कणों के रूप में जैकेट पर फैल जाती है। इससे गोली का बल कम हो जाता है और उसकी भेदन शक्ति कम हो जाती है और गोली लगने वाले व्यक्ति को कम नुकसान होता है।
इसके बाद बैलिस्टिक लेयर काम करती है। बुलेट की सिरेमिक परत से टकराने के बाद, जो बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है, वह बैलिस्टिक परत द्वारा अवशोषित हो जाती है। इससे बुलेटप्रूफ पहने सिपाही को कम से कम नुकसान होता है और वह सुरक्षित बच जाता है।
बुलेटप्रूफ जैकेट कितने प्रकार के होते हैं?
केवलर बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक आम सामग्री है। इस सामग्री से बने जैकेट और हेलमेट को केवलर जैकेट या हेलमेट कहा जाता है। इसके अलावा वेक्ट्रान नामक सामग्री की मदद से बुलेटप्रूफ जैकेट भी बनाई जाती हैं। इससे बने जैकेट और हेलमेट को वेक्ट्रान जैकेट या वेक्ट्रान हेलमेट के नाम से जाना जाता है। वेक्ट्रान जैकेट केवलर से ज्यादा मजबूत मानी जाती है क्योंकि इसे स्टील से 10 गुना ज्यादा मजबूत माना जाता है।
जैकेट की कीमत कितनी है
इस जैकेट की कीमत इसमें इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल के आधार पर तय की जाती है। वेक्ट्रान से बने जैकेट की कीमत केवलर जैकेट से ज्यादा होती है। आमतौर पर एक जैकेट की कीमत 40,000 रुपये से शुरू होकर 2 लाख रुपये तक होती है। इस जैकेट का वजन करीब 8 किलो है। हालांकि कम वजन की जैकेट बनाने का काम कानपुर स्थित आयुध निर्माणी में चल रहा है।
इन जैकेटों की एक विशेषता यह है कि इन्हें आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग भागों में विभाजित किया जा सकता है जैसे कि गश्ती ड्यूटी के लिए केवल पीछे के हिस्से को हटाया जा सकता है और केवल आगे का हिस्सा ही पहना जा सकता है। इसी तरह हेलमेट, गर्दन, कोहनी और कमर के टुकड़ों को इससे अलग किया जा सकता है. इनमें खास तरह का लेटेस्ट मटेरियल लगाया गया है।
भारत में बने सॉलिड बुलेटप्रूफ जैकेटों का इस्तेमाल 100 से ज्यादा देशों की सेनाएं कर रही हैं, जिनमें से कुछ बड़े नाम हैं: ब्रिटेन, जर्मनी, स्पेन और फ्रांस आदि। भारत में दिल्ली से सटा फरीदाबाद क्षेत्र में काफी प्रगति हो रही है। इस दिशा और बुलेटप्रूफ जैकेट का यहां बड़ी मात्रा में उत्पादन हो रहा है।
COMMENTS