महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) | Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act(MGNREGA) in hindi

मनरेगा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक क्रांतिकारी योजना है। यह केवल रोजगार प्रदान करने का जरिया नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और सामाजिक न्याय का एक

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा)   

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने और ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करने के लिए 2005 में लागू किया गया था। इसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 39 के तहत "सामाजिक न्याय" के उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाया गया। यह योजना हर ग्रामीण परिवार को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार गारंटी देती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

MGNREGA Scheme

मनरेगा का उद्देश्य

  1. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करना: इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब ग्रामीणों को रोजगार के साधन देना है।

  2. गरीबी उन्मूलन: इसके जरिए गांवों में गरीबी घटाने की कोशिश की जाती है।

  3. ग्रामीण विकास: इससे गांवों में जल संरक्षण, सड़कों का निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे का विकास होता है।

  4. महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को रोजगार के समान अवसर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाता है।

मनरेगा के प्रमुख प्रावधान

  • हर ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को 100 दिन का काम प्रदान करना अनिवार्य है।

  • यदि काम उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है।

  • यह योजना श्रम प्रधान है, यानी इसमें मशीनीकरण कम और मानव श्रम अधिक उपयोग होता है।

  • काम का प्रकार ऐसा होता है जो स्थायी विकास में सहायक हो, जैसे तालाब निर्माण, सड़कों की मरम्मत, वृक्षारोपण, आदि।

मनरेगा के अंतर्गत काम की प्रक्रिया

  1. रजिस्ट्रेशन: ग्रामीण परिवारों को पंचायत में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता है।

  2. जॉब कार्ड: रजिस्ट्रेशन के बाद परिवार को एक जॉब कार्ड दिया जाता है, जिसमें उनकी काम की पूरी जानकारी दर्ज होती है।

  3. काम का आवेदन: काम मांगने के लिए व्यक्ति को पंचायत में आवेदन देना होता है।

  4. काम का आवंटन: आवेदन के 15 दिनों के अंदर काम उपलब्ध कराया जाता है।

  5. भुगतान: काम पूरा होने के बाद मजदूरी का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से किया जाता है।

सफलता के कुछ उदाहरण

1. राजस्थान का धौलपुर जिला

राजस्थान के धौलपुर जिले में मनरेगा ने गरीब परिवारों की जिंदगी बदल दी है। यहां तालाबों और जल संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर काम हुआ। पानी की समस्या हल होने के साथ ही ग्रामीणों को खेती में मदद मिली और उनकी आय बढ़ी।

2. तमिलनाडु का तिरुवन्नमलाई

तिरुवन्नमलाई में महिलाओं ने मनरेगा के जरिए आर्थिक स्वतंत्रता पाई। यहां महिलाएं वृक्षारोपण और जल संरक्षण कार्यों में जुटीं, जिससे उनके परिवारों की स्थिति सुधरी। यह महिलाओं के सशक्तिकरण का एक आदर्श उदाहरण है।

3. बिहार के गया जिले का केस

गया जिले में मनरेगा के तहत सड़क निर्माण और जल संरक्षण कार्य हुए। इससे न केवल ग्रामीणों को रोजगार मिला, बल्कि गांव की बुनियादी सुविधाएं भी बेहतर हुईं।

चुनौतियां और समाधान

1. भ्रष्‍टाचार: कई बार मजदूरी का पैसा समय पर नहीं मिलता या फर्जी जॉब कार्ड बनाए जाते हैं। समाधान: डिजिटल प्रणाली और सोशल ऑडिट का उपयोग इसे कम कर सकता है।

2. जागरूकता की कमी: ग्रामीणों को योजना की जानकारी नहीं होती। समाधान: पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।

3. देरी से भुगतान: मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं मिलता। समाधान: भुगतान प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन और पारदर्शी बनाना।

मनरेगा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक क्रांतिकारी योजना है। यह केवल रोजगार प्रदान करने का जरिया नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और सामाजिक न्याय का एक शक्तिशाली माध्यम है। हालांकि, चुनौतियां हैं, लेकिन इन पर काबू पाकर इसे और प्रभावी बनाया जा सकता है। मनरेगा ने गरीबों के जीवन में एक नई रोशनी लाई है और यह भारतीय समाज में समानता और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मनरेगा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: मनरेगा क्या है? उत्तर: मनरेगा भारत सरकार की एक योजना है जो ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार लोगों को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार प्रदान करती है।

प्रश्न 2: मनरेगा के तहत कौन-कौन काम कर सकता है? उत्तर: हर ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्य जो काम करने के लिए तैयार हैं, वे मनरेगा के तहत काम कर सकते हैं।

प्रश्न 3: मनरेगा के तहत आवेदन कैसे किया जाता है? उत्तर: पंचायत कार्यालय में जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और फिर काम के लिए आवेदन दिया जाता है।

प्रश्न 4: मनरेगा में मजदूरी का भुगतान कैसे होता है? उत्तर: मजदूरी का भुगतान सीधे श्रमिकों के बैंक खाते में किया जाता है।

प्रश्न 5: यदि काम उपलब्ध नहीं कराया जाता तो क्या होता है? उत्तर: यदि आवेदन के 15 दिनों के अंदर काम उपलब्ध नहीं कराया जाता, तो बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है।

प्रश्न 6: मनरेगा के अंतर्गत किस प्रकार के कार्य किए जाते हैं? उत्तर: जल संरक्षण, तालाब निर्माण, सड़क निर्माण, वृक्षारोपण जैसे कार्य किए जाते हैं।

प्रश्न 7: मनरेगा का मुख्य उद्देश्य क्या है? उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करना, गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण विकास मनरेगा का मुख्य उद्देश्य है।

प्रश्न 8: मनरेगा में महिलाओं की क्या भूमिका है? उत्तर: मनरेगा में महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया है, जिससे उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता और रोजगार के समान अवसर मिलते हैं।


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