प्राकृतिक चयन एक प्रक्रिया है जिसमें जीवों के वे गुण, जो उन्हें उनके पर्यावरण में बेहतर अनुकूल बनाते हैं, उन्हें जीवित रहने और प्रजनन में मदद करते हैं
जानिए प्राकृतिक चयन (Natural Selection) क्या है ? और यह कैसे काम करता है ?
प्राकृतिक चयन एक प्रक्रिया है जिसमें जीवों के वे गुण, जो उन्हें उनके पर्यावरण में बेहतर अनुकूल बनाते हैं, उन्हें जीवित रहने और प्रजनन में मदद करते हैं। यह गुण अगली पीढ़ी में स्थानांतरित होते रहते हैं, जिससे धीरे-धीरे एक प्रजाति में परिवर्तन आता है। इस सिद्धांत को सबसे पहले चार्ल्स डार्विन ने प्रस्तुत किया था, जो विकासवाद (Evolution) का एक प्रमुख आधार है।
उदाहरण (Examples of Natural Selection)
1. मनुष्यों में प्राकृतिक चयन
(क) सिकल सेल एनीमिया और मलेरिया प्रतिरोध
अफ्रीका और भारत के कुछ हिस्सों में, जहाँ मलेरिया बहुत आम है, वहाँ कुछ लोगों में सिकल सेल जीन पाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति इस जीन का वाहक (Carrier) होता है (यानी वह एक सामान्य जीन और एक सिकल सेल जीन रखता है), तो उसे मलेरिया से सुरक्षा मिलती है। यह गुण धीरे-धीरे उन क्षेत्रों में अधिक आम हो गया क्योंकि यह लोगों को मलेरिया से बचाने में मदद करता है, जिससे उनकी जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है।
(ख) लैक्टोज पाचन क्षमता (Lactose Tolerance)
प्रारंभ में, सभी मनुष्यों में दूध (लैक्टोज) को पचाने की क्षमता केवल बचपन तक सीमित थी। लेकिन जो समुदाय मवेशी पालन करने लगे (जैसे यूरोप और कुछ अफ्रीकी जनजातियाँ), उनमें लैक्टोज को जीवनभर पचाने की क्षमता विकसित हो गई। इस बदलाव ने उन्हें दूध को एक महत्वपूर्ण भोजन स्रोत के रूप में उपयोग करने की अनुमति दी, जिससे उनकी जीवन प्रत्याशा बढ़ गई और यह गुण अगली पीढ़ियों में प्रसारित हुआ।
2. अन्य जीवों में प्राकृतिक चयन
(क) इंडस्ट्रियल मेलानिज्म - पेपर्ड मॉथ (Peppered Moth Case Study)
- 19वीं शताब्दी के पहले, इंग्लैंड में ज्यादातर पेपर्ड मॉथ (एक प्रकार की तितली) हल्के रंग की होती थीं, जिससे वे पेड़ों की छाल से मिलकर शिकारी पक्षियों से बच पाती थीं।
- लेकिन औद्योगिक क्रांति के बाद, प्रदूषण के कारण पेड़ों की छाल गहरी हो गई। इससे हल्की तितलियाँ अधिक नजर आने लगीं और पक्षियों द्वारा खाई जाने लगीं।
- काली तितलियाँ, जो पहले बहुत कम थीं, वे अब ज्यादा सुरक्षित थीं क्योंकि वे गहरे पेड़ों में छिप सकती थीं।
- समय के साथ, काली तितलियाँ अधिक संख्या में जीवित रहीं और उनकी आबादी बढ़ गई, जबकि हल्की तितलियाँ कम हो गईं।
(ख) जिराफ की लंबी गर्दन (Giraffe’s Long Neck)
- प्रारंभिक जिराफों की गर्दन छोटी होती थी, लेकिन उनमें कुछ की गर्दन स्वाभाविक रूप से थोड़ी लंबी होती थी।
- सूखे के समय जमीन पर कम घास मिलने के कारण, जो जिराफ ऊँची टहनियों तक पहुँच सकते थे, वे जीवित रहे और अधिक संतान उत्पन्न कर सके।
- समय के साथ, लंबी गर्दन वाले जिराफों की संख्या बढ़ने लगी और यह गुण प्राकृतिक चयन द्वारा अगली पीढ़ियों में फैलता गया।
प्राकृतिक चयन (Natural Selection) पर सामान्य प्रश्न (FAQ)
1. प्राकृतिक चयन (Natural Selection) क्या है?
प्राकृतिक चयन वह प्रक्रिया है जिसमें जीवों के वे गुण, जो उन्हें उनके पर्यावरण में जीवित रहने और प्रजनन में मदद करते हैं, अगली पीढ़ियों में आगे बढ़ते हैं। धीरे-धीरे यह गुण एक पूरी प्रजाति में फैल जाते हैं और विकास (Evolution) का कारण बनते हैं।
2. प्राकृतिक चयन कैसे काम करता है?
प्राकृतिक चयन इस आधार पर कार्य करता है कि:
- जीवों में भिन्नता (Variation) पाई जाती है।
- कुछ गुण जीवित रहने में अधिक मदद करते हैं।
- जीव जो अधिक उपयुक्त होते हैं, वे अधिक संतान उत्पन्न करते हैं।
- ये लाभकारी गुण अगली पीढ़ी में प्रसारित होते हैं।
3. प्राकृतिक चयन का उदाहरण क्या है?
- मनुष्यों में: मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में सिकल सेल जीन का बढ़ना।
- जानवरों में: इंग्लैंड में पेपरड मॉथ का रंग प्रदूषण के कारण बदलना।
- वनस्पतियों में: सूखे क्षेत्रों में गहरे जड़ वाले पौधों का अधिक जीवित रहना।
4. प्राकृतिक चयन और कृत्रिम चयन (Artificial Selection) में क्या अंतर है?
- प्राकृतिक चयन: यह स्वाभाविक रूप से होता है, बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के।
- कृत्रिम चयन: यह मनुष्यों द्वारा किया जाता है, जैसे पालतू जानवरों और खेती के पौधों का चयन।
5. क्या प्राकृतिक चयन तेजी से होता है?
प्राकृतिक चयन आमतौर पर लाखों वर्षों में धीरे-धीरे होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह तेजी से भी हो सकता है, जैसे बैक्टीरिया में एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic Resistance) विकसित होना।
6. क्या प्राकृतिक चयन नई प्रजातियाँ बना सकता है?
हाँ, यदि कोई समूह लंबे समय तक अलग-थलग रहता है और उसमें नए अनुकूलन विकसित होते हैं, तो वह एक नई प्रजाति में बदल सकता है।
7. क्या मनुष्यों में अब भी प्राकृतिक चयन हो रहा है?
हाँ, उदाहरण के लिए:
- लैक्टोज पाचन क्षमता विकसित होना।
- मलेरिया प्रतिरोधी जीन का प्रसार।
- ऊँचाई वाले क्षेत्रों में अधिक लाल रक्त कोशिकाएँ बनाना।
8. क्या सभी जीव प्राकृतिक चयन से गुजरते हैं?
हाँ, सभी जीव, चाहे वे छोटे बैक्टीरिया हों या बड़े स्तनधारी, प्राकृतिक चयन की प्रक्रिया से गुजरते हैं।
9. क्या प्राकृतिक चयन का कोई नुकसान भी हो सकता है?
कभी-कभी, एक गुण जो एक विशेष पर्यावरण में लाभकारी होता है, वह बदलते पर्यावरण में नुकसानदायक भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, सिकल सेल जीन मलेरिया से बचाव करता है, लेकिन इसकी अधिकता से सिकल सेल एनीमिया नामक रोग हो सकता है।
10. क्या प्राकृतिक चयन और जैव विकास (Evolution) एक ही चीज़ हैं?
प्राकृतिक चयन जैव विकास (Evolution) का एक प्रमुख घटक है, लेकिन विकास केवल प्राकृतिक चयन के माध्यम से ही नहीं होता। इसमें आकस्मिक उत्परिवर्तन (Random Mutations) और आनुवंशिक प्रवाह (Genetic Drift) जैसी अन्य प्रक्रियाएँ भी शामिल होती हैं।
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