वियना कंवेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस, 1961 (Vienna Convention on Diplomatic Relations, 1961) एक अंतरराष्ट्रीय संधि (treaty) है, जिसे राजनयिक संबंधों क
जानिए वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस (1961) के बारे में
वियना कंवेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस, 1961 (Vienna Convention on Diplomatic Relations, 1961) एक अंतरराष्ट्रीय संधि (treaty) है, जिसे राजनयिक संबंधों के नियमों और व्यवहारों को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था। यह आधुनिक कूटनीति का आधार स्तंभ है और आज लगभग सभी देशों द्वारा स्वीकार किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
प्रारंभ और अंगीकरण (Adoption):
-
यह संधि 18 अप्रैल 1961 को ऑस्ट्रिया के वियना शहर में हस्ताक्षरित हुई।
-
यह संधि 24 अप्रैल 1964 से प्रभाव में आई।
-
भारत सहित 190+ देश इसके सदस्य हैं।
मुख्य उद्देश्य:
-
देशों के बीच शांतिपूर्ण और सम्मानजनक राजनयिक संबंध स्थापित करना।
-
राजनयिक एजेंटों (जैसे कि एम्बेसडर) की भूमिका, विशेषाधिकार और सुरक्षा को स्पष्ट करना।
-
मेजबान देश में काम कर रहे विदेशी राजनयिकों को न्यायिक और प्रशासनिक कार्यों से छूट (immunity) प्रदान करना।
प्रमुख प्रावधान (Key Provisions):
राजनयिक प्रतिरक्षा (Diplomatic Immunity):
राजनयिकों को आपराधिक न्याय से छूट दी जाती है; वे आमतौर पर मुकदमे या गिरफ्तारी से बचे रहते हैं।
राजनयिक डाक (Diplomatic Bag):
राजनयिक डाक को खोला या रोका नहीं जा सकता, चाहे उसमें कुछ भी हो। यह एक "अविभेद्य" माध्यम माना जाता है।
प्रवेश और वापसी (Entry & Expulsion):
किसी भी मेजबान देश को यह अधिकार है कि वह किसी राजनयिक को "persona non grata" घोषित कर दे (अस्वीकार्य व्यक्ति), और उसे देश छोड़ने के लिए कह सकता है।
राजनयिक भवन की सुरक्षा (Inviolability of Premises):
कोई भी मेजबान देश राजनयिक मिशन (जैसे दूतावास) की इमारत में बिना अनुमति के प्रवेश नहीं कर सकता, भले ही वहां अपराध हो रहा हो।
दायित्व (Duties of Diplomats):
राजनयिकों को मेजबान देश के कानूनों का सम्मान करना होता है और उसमें हस्तक्षेप नहीं करना होता।
भारत और वियना संधि:
भारत इस संधि का सदस्य है और उसने अपने विदेश मंत्रालय तथा विदेशों में भारतीय दूतावासों के संचालन में इसके प्रावधानों को अपनाया है। भारत विदेशी राजनयिकों को भी इस संधि के अनुसार सुरक्षा और छूट प्रदान करता है।
महत्त्व और आलोचना:
-
महत्त्व: यह संधि अंतरराष्ट्रीय स्थिरता, संप्रभुता और संवाद को बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
-
आलोचना: कभी-कभी कुछ राजनयिक इस छूट का दुरुपयोग करते हैं और अपराध कर भी दंड से बच निकलते हैं।
FAQs
प्रश्न 1: वियना कंवेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस, 1961 क्या है?
उत्तर:
यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे 1961 में वियना, ऑस्ट्रिया में स्वीकार किया गया था। इसका उद्देश्य देशों के बीच राजनयिक संबंधों को व्यवस्थित करना और राजनयिक एजेंटों (जैसे दूतावास के राजनयिकों) के विशेषाधिकारों और सुरक्षा की रक्षा करना है।
प्रश्न 2: इस कंवेंशन के प्रमुख प्रावधान क्या हैं?
उत्तर:
वियना कंवेंशन के प्रमुख प्रावधानों में शामिल हैं:
-
राजनयिक प्रतिरक्षा (Diplomatic Immunity)
-
राजनयिक डाक (Diplomatic Bag)
-
राजनयिक भवन की सुरक्षा
-
प्रवेश और वापसी (Entry & Expulsion)
-
राजनयिकों के दायित्व
प्रश्न 3: क्या वियना कंवेंशन सभी देशों के लिए अनिवार्य है?
उत्तर:
यह संधि लगभग सभी देशों द्वारा अनुमोदित और अपनाई गई है। वर्तमान में इसमें 190 से अधिक सदस्य देशों की भागीदारी है, जिनमें भारत भी शामिल है। हालांकि, कोई भी देश इस कंवेंशन से बाहर जा सकता है, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिए एक मानक बन चुका है।
प्रश्न 4: क्या राजनयिकों को किसी अपराध के लिए दंडित किया जा सकता है?
उत्तर:
राजनयिकों को आपराधिक न्याय से छूट दी जाती है और वे सामान्य रूप से दंड से बच सकते हैं। हालांकि, यदि कोई राजनयिक अपराध करता है तो मेजबान देश उसे "persona non grata" घोषित कर सकता है और देश से बाहर भेज सकता है।
प्रश्न 5: क्या वियना कंवेंशन के तहत राजनयिक डाक को रोका जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, राजनयिक डाक को कभी भी खोला या रोका नहीं जा सकता, चाहे उसमें कुछ भी हो। यह डाक विशेष रूप से संरक्षित और अविभेद्य होती है।
प्रश्न 6: क्या वियना कंवेंशन के तहत राजनयिकों के लिए विशेष सुरक्षा है?
उत्तर:
हाँ, वियना कंवेंशन के तहत राजनयिकों और उनके मिशन (जैसे दूतावास) को सुरक्षा प्रदान की जाती है। कोई भी मेजबान देश राजनयिक मिशन की इमारत में बिना अनुमति के प्रवेश नहीं कर सकता।
प्रश्न 7: भारत ने वियना कंवेंशन को कब स्वीकार किया था?
उत्तर:
भारत ने वियना कंवेंशन को स्वीकार किया और इसे 1961 में मंजूरी दी थी। आज, भारत इस संधि के सभी प्रावधानों का पालन करता है और इसे अपने विदेश मंत्रालय और दूतावासों में लागू करता है।
प्रश्न 8: क्या इस कंवेंशन के कारण अंतरराष्ट्रीय विवाद होते हैं?
उत्तर:
कभी-कभी राजनयिक प्रतिरक्षा का दुरुपयोग होता है, और कुछ राजनयिक अपराध करके दंड से बच सकते हैं। इस कारण से, कुछ देशों में नकारात्मक प्रतिक्रिया हो सकती है। हालांकि, यह कंवेंशन वैश्विक कूटनीति के लिए एक महत्वपूर्ण ढांचा है।
प्रश्न 9: वियना कंवेंशन का उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
वियना कंवेंशन का प्रमुख उद्देश्य राजनयिक संबंधों को एक व्यवस्थित और सम्मानजनक रूप में विकसित करना था, ताकि देशों के बीच शांति और सहयोग सुनिश्चित हो सके। इसके द्वारा राजनयिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।
COMMENTS