भारत की सुरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने में विभिन्न विशेष बल (Special Forces) की अहम भूमिका होती है। ये बल असामान्य परिस्थितियों, आतंकवाद, सीमापार कार
जानिए भारतीय सेना के विशेष कमांडो बल के बारे में : मार्कोस , घातक पलाटून , गरुड़ कमांडो फ़ोर्स , कोबरा फ़ोर्स के बारे में
भारत की सुरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने में विभिन्न विशेष बल (Special Forces) की अहम भूमिका होती है। ये बल असामान्य परिस्थितियों, आतंकवाद, सीमापार कार्रवाई, बचाव अभियानों और गुप्त मिशनों को अंजाम देने में दक्ष होते हैं। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना – तीनों के पास अपने-अपने विशेष कमांडो बल होते हैं, जो उच्च स्तर की शारीरिक और मानसिक क्षमता से लैस होते हैं।
1. मार्कोस (MARCOS) – भारतीय नौसेना के कमांडो
पूरा नाम: Marine Commandos
स्थापना: 1987
प्रशिक्षण स्थल: INS Abhimanyu, मुंबई
महत्वपूर्ण विशेषताएं:
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मार्कोस भारतीय नौसेना का विशेष बल है, जिसे समुद्री आतंकवाद से लड़ने, समुद्री गुप्त मिशनों, समुद्र के अंदर छापेमारी, अपहरण विरोधी अभियान और तटीय सुरक्षा में तैनात किया जाता है।
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इन्हें "मर्दाना मेंढक" (frogmen) और "डैथ स्क्वाड" भी कहा जाता है।
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जम्मू-कश्मीर के वूलर झील जैसे इलाकों में भी इनका उपयोग हुआ है, जिससे यह साबित होता है कि ये जल, थल और वायु – तीनों में लड़ने में सक्षम हैं।
2. पैरा स्पेशल फोर्स (Para SF) – भारतीय थल सेना के कमांडो
पूरा नाम: Parachute Regiment (Special Forces)
स्थापना: 1966
प्रशिक्षण केंद्र: बैंगलोर व आगरा
मुख्य विशेषताएं:
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पैरा SF, भारतीय सेना की सबसे प्रतिष्ठित और खतरनाक स्पेशल फोर्स यूनिट है।
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ये दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक, बंधक बचाव, आतंकवाद विरोधी और गुप्त मिशनों को अंजाम देने में माहिर होते हैं।
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इनका नारा है – "Shatrujeet" (शत्रु को जीतने वाला)।
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उरी सर्जिकल स्ट्राइक (2016) और बालाकोट एयर स्ट्राइक में इनकी अहम भूमिका रही।
3. गरुड़ कमांडो फोर्स – भारतीय वायुसेना के कमांडो
स्थापना: 2004
प्रशिक्षण केंद्र: गरुड़ ट्रेनिंग स्कूल, हिंडन एयरबेस
महत्वपूर्ण कार्य:
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एयरबेस सुरक्षा, बंधक बचाव, हवाई अभियानों में सहायता, हवाई टोही, और वायुसेना की संपत्तियों की रक्षा करना।
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गरुड़ कमांडो को अन्य सेनाओं से अलग प्रशिक्षण और मिशन प्राप्त होते हैं, जिसमें अंतरिक्ष निगरानी, हवाई क्षेत्र नियंत्रण, और उच्च ऊंचाई युद्ध शामिल है।
4. Ghatak Platoon – घातक प्लाटून (सेना की इन्फैंट्री की विशेष यूनिट)
प्रशिक्षण: बेलगाम कमांडो स्कूल
भूमिका:
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हर इन्फैंट्री बटालियन में एक "घातक प्लाटून" होती है।
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इनका मुख्य काम अग्रिम मोर्चों पर तेज आक्रमण करना, गश्त और दुश्मन के क्षेत्रों में घुसपैठ करना होता है।
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ये बल सीमित लेकिन बेहद घातक होते हैं, और उन्हें सबसे कठिन अभियानों में भेजा जाता है।
5. NSG (National Security Guard) – राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (ब्लैक कैट कमांडो)
स्थापना: 1984
उद्देश्य:
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आतंकवाद-रोधी कार्रवाई, बंधक बचाव, वीआईपी सुरक्षा और विमान अपहरण जैसे मामलों में हस्तक्षेप।
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NSG को "ब्लैक कैट कमांडो" कहा जाता है।
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मुंबई 26/11 आतंकवादी हमले में इनकी कार्रवाई विश्व प्रसिद्ध है।
6. COBRA Commando – CRPF की विशेष जंगल युद्ध यूनिट
पूरा नाम: Commando Battalion for Resolute Action
स्थापना: 2008
भूमिका:
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माओवादियों और नक्सलवाद के विरुद्ध गहरे जंगलों में ऑपरेशन चलाने वाली फोर्स।
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इनका प्रशिक्षण जंगल युद्ध, गुरिल्ला रणनीति, और ट्रैकिंग में विशेष होता है।
7. Special Frontier Force (SFF) – गुप्त तिब्बती बल
स्थापना: 1962 (चीन युद्ध के बाद)
नियंत्रण: RAW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग)
भूमिका:
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गुप्त अभियानों में, विशेष रूप से चीन के खिलाफ सीमावर्ती इलाकों में।
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तिब्बती मूल के सैनिकों से बनी यह इकाई लद्दाख और अरुणाचल जैसे क्षेत्रों में तैनात रहती है।
प्रमुख विशेषताएं इन कमांडो बलों की:
बल का नाम | कार्यक्षेत्र | विशेषता |
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MARCOS | समुद्र, जलमार्ग | अंडरवाटर ऑपरेशन, तटीय सुरक्षा |
PARA SF | थल, सीमावर्ती क्षेत्र | सर्जिकल स्ट्राइक, गुप्त मिशन |
GARUD | वायुसेना | एयरबेस सुरक्षा, हवाई कमांडो ऑपरेशन |
NSG | शहरी क्षेत्र | आतंकवाद विरोध, वीआईपी सुरक्षा |
GHATAK PLATOON | फ्रंटलाइन सेना | हमलावर दस्ते, दुश्मन से सीधी टक्कर |
COBRA | जंगल, माओवादी क्षेत्र | गुरिल्ला युद्ध, जंगल ट्रैकिंग |
SFF | सीमावर्ती, विशेष ऑप्स | चीन-विरोधी मिशन, गुप्त कार्रवाई |
भारत के ये विशेष बल ना सिर्फ़ भारत की सुरक्षा के आधार स्तंभ हैं, बल्कि ये राष्ट्र की अस्मिता, साहस और आत्मबल के प्रतीक भी हैं। इनकी गुप्त और जोखिम भरी कार्रवाइयाँ राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने में अहम योगदान देती हैं। प्रशिक्षण, अनुशासन और समर्पण की मिसाल पेश करने वाले ये कमांडो, "एक नहीं, अनेक चेहरे – मगर एक लक्ष्य: भारत की रक्षा" को साकार करते हैं।
(FAQs)
प्रश्न 1: मार्कोस (MARCOS) क्या है और इसका मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर:
मार्कोस भारतीय नौसेना का विशेष कमांडो बल है। इसका कार्य समुद्री आतंकवाद से लड़ना, तटीय और समुद्री गुप्त मिशन, और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है।
प्रश्न 2: पैरा एसएफ (Para SF) कौन होते हैं और इन्हें कैसे चुना जाता है?
उत्तर:
पैरा स्पेशल फोर्स, भारतीय सेना के सबसे साहसी और प्रशिक्षित कमांडो होते हैं। इन्हें कठोर फिजिकल और मानसिक परीक्षणों के बाद चुना जाता है। सिर्फ कुछ प्रतिशत सैनिक ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं।
प्रश्न 3: गरुड़ कमांडो का क्या रोल होता है?
उत्तर:
गरुड़ कमांडो भारतीय वायुसेना का विशेष बल है। इनका कार्य एयरबेस की सुरक्षा, बंधक बचाव, हवाई हमलों में सहायता और वायुसेना की संपत्तियों की सुरक्षा करना होता है।
प्रश्न 4: NSG (ब्लैक कैट कमांडो) किस प्रकार के ऑपरेशनों में भाग लेते हैं?
उत्तर:
NSG का उपयोग आतंकवाद-रोधी अभियानों, हाईजैकिंग, वीआईपी सुरक्षा, और बंधक बचाव जैसी अत्यधिक संवेदनशील परिस्थितियों में किया जाता है। मुंबई 26/11 हमले में इनकी भूमिका प्रमुख रही थी।
प्रश्न 5: COBRA कमांडो किसे कहा जाता है और इनका काम क्या है?
उत्तर:
COBRA (Commando Battalion for Resolute Action) CRPF की एक यूनिट है, जो माओवादी और नक्सली इलाकों में गुरिल्ला युद्ध और जंगल ऑपरेशनों में कार्यरत है।
प्रश्न 6: Special Frontier Force (SFF) क्या है और यह किसके अधीन काम करती है?
उत्तर:
SFF एक गुप्त बल है जिसे 1962 के चीन युद्ध के बाद बनाया गया था। यह RAW (Research and Analysis Wing) के अंतर्गत कार्य करता है और इसमें तिब्बती मूल के सैनिक शामिल होते हैं।
प्रश्न 7: Ghatak Platoon क्या है?
उत्तर:
घातक प्लाटून, भारतीय सेना की हर इन्फैंट्री बटालियन की एक विशेष यूनिट होती है, जो अग्रिम मोर्चे पर हमला करने के लिए प्रशिक्षित होती है।
प्रश्न 8: क्या महिलाएं इन विशेष बलों में शामिल हो सकती हैं?
उत्तर:
फिलहाल अधिकतर स्पेशल फोर्स यूनिट्स जैसे MARCOS, PARA SF, GARUD में महिलाएं शामिल नहीं हैं, लेकिन कुछ बदलावों के तहत वायुसेना और सेना में महिला अधिकारियों की भागीदारी बढ़ाई जा रही है।
प्रश्न 9: इन बलों का प्रशिक्षण कितना कठिन होता है?
उत्तर:
यह बल भारत में सबसे कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। यह शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक सहनशक्ति की सीमा को पार करने वाला होता है। ट्रायल्स में केवल 10–15% ही अंतिम चयन तक पहुँचते हैं।
प्रश्न 10: क्या ये बल केवल युद्ध के समय ही काम करते हैं?
उत्तर:
नहीं, ये शांति के समय भी आतंकवाद-विरोधी कार्रवाई, इंटेलिजेंस ऑपरेशन्स, वीआईपी सुरक्षा, तटीय रक्षा और आपदा राहत अभियानों में सक्रिय रहते हैं।
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