जब कोई विमान टेकऑफ करता है, तो उसके कुछ ही सेकंड के भीतर एक प्रक्रिया शुरू होती है जिसमें लैंडिंग गियर (Landing Gear) यानी पहियों को वापस (retract) कर
जानिए बोइंग 787 एयर इंडिया जहाज का 600 फीट की ऊंचाई पर भी लैंडिंग गियर को वापस क्यों नहीं लिया गया ?
जब कोई विमान टेकऑफ करता है, तो उसके कुछ ही सेकंड के भीतर एक प्रक्रिया शुरू होती है जिसमें लैंडिंग गियर (Landing Gear) यानी पहियों को वापस (retract) कर लिया जाता है। पर आपने सुना होगा कि “600 फीट” या उससे ऊपर जाकर ही लैंडिंग गियर हटाया जाता है। ऐसा क्यों? क्या गियर को टेकऑफ के तुरंत बाद नहीं हटाया जा सकता ?
इस लेख में हम समझेंगे कि आखिर टेकऑफ के बाद लैंडिंग गियर को 600 फीट तक क्यों रोका जाता है, और इसके पीछे क्या सुरक्षा कारण होते हैं।
टेकऑफ के बाद की सामान्य प्रक्रिया:
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600 फीट तक गियर को वापस क्यों नहीं लिया जाता?
1. Engine Failure का Margin देने के लिए
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टेकऑफ के तुरंत बाद यदि कोई इंजन फेल हो जाए, तो पायलट को फैसला लेना होता है — विमान रोकें या उड़ान जारी रखें।
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अगर इंजन फेल हो जाए और गियर पहले ही हटा लिया गया हो, तो Landing Abort (Go-Around) करना मुश्किल हो जाता है।
2. सपोर्ट और स्थिरता के लिए
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टेकऑफ के समय विमान सबसे अधिक Unstable रहता है। गियर नीचे होने से सपोर्टिंग स्ट्रक्चर बना रहता है।
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गियर डाउन से थोड़ी ड्रैग (Drag) बढ़ती है, लेकिन वह सेफ्टी के लिए फायदेमंद होती है।
3. Obstacle Clearance सुनिश्चित करने के लिए
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600 फीट तक पहुंचने से पहले पायलट यह सुनिश्चित करता है कि आसपास कोई इमारत, टावर या पेड़ न हो।
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अगर जरूरत पड़े तो विमान तुरंत वापस उतर सकता है।
4. पायलट कंफर्म करता है: "Positive Rate"
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जब यह कंफर्म हो जाए कि विमान सही तरीके से चढ़ रहा है और कोई टेक्निकल फेल नहीं है, तभी गियर रिट्रैक्ट किया जाता है।
5. ऑटोमैटिक गियर रिट्रैक्ट सिस्टम नहीं होता
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Boeing 787 जैसे विमानों में गियर ऑटोमैटिक नहीं हटता, पायलट मैनुअली स्विच करता है — और यह तभी होता है जब सब कुछ सामान्य हो।
अगर 600 फीट से पहले गियर हटा दिया जाए?
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जोखिम 1: इंजन फेल हो जाए तो विमान तुरंत लैंड नहीं कर पाएगा।
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जोखिम 2: अधिक ड्रैग हटते ही विमान अचानक तेज़ उठ सकता है और नियंत्रण खो सकता है।
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जोखिम 3: चेसिस या हाइड्रोलिक सिस्टम को झटका लग सकता है।
लैंडिंग गियर को 600 फीट तक रोके रखना फ्लाइट सेफ्टी का हिस्सा है।
यह पायलट को वक्त देता है यह तय करने का कि विमान सुरक्षित टेकऑफ कर रहा है या नहीं।
यह इंटरनेशनल एविएशन गाइडलाइंस (FAA/ICAO) और विमान निर्माताओं के SOP का हिस्सा होता है।
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