वैज्ञानिकों ने केपलर-139 (Kepler-139) तारा प्रणाली में एक नया ग्रह खोजा है, जिसे Kepler-139f नाम दिया गया है। यह ग्रह "सुपर-अर्थ" (Super-Earth) श्रेणी
जानिए केपलर-139f क्या है? इस नई सुपर-अर्थ एक्सोप्लैनेट के बारे में विस्तार से
वैज्ञानिकों ने केपलर-139 (Kepler-139) तारा प्रणाली में एक नया ग्रह खोजा है, जिसे Kepler-139f नाम दिया गया है। यह ग्रह "सुपर-अर्थ" (Super-Earth) श्रेणी में आता है और इसका द्रव्यमान पृथ्वी से लगभग 36 गुना अधिक है। यह खोज ब्रह्मांड में जीवन की संभावना तलाशने और ग्रहों की विविधता समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
1. केपलर-139f की प्रमुख विशेषताएँ:
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द्रव्यमान: पृथ्वी से 36 गुना अधिक
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प्रकार: गैस से भरपूर सुपर-अर्थ, नेपच्यून जैसे ग्रहों के समान
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कक्षा अवधि: लगभग 355 पृथ्वी दिन (यानी लगभग 1 साल)
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तारे से दूरी: लगभग 1 AU (पृथ्वी और सूर्य की दूरी के बराबर)
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त्रिज्या: लगभग 0.6 बृहस्पति ग्रह के बराबर
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स्थान: पृथ्वी से लगभग 1,289 प्रकाश वर्ष दूर
2. यह ग्रह कैसे खोजा गया?
A. ट्रांज़िट टाइमिंग वेरिएशन (TTV) तकनीक:
जब ग्रह अपने तारे के सामने से गुजरते हैं, तो वह तारे की रोशनी में थोड़ी गिरावट लाते हैं जिसे ट्रांज़िट कहते हैं। लेकिन जब एक अतिरिक्त ग्रह मौजूद होता है, तो अन्य ग्रहों की कक्षा और ट्रांज़िट के समय में बदलाव दिखाई देता है। इस बदलाव के आधार पर Kepler-139f की उपस्थिति का पता चला।
B. रेडियल वेलोसिटी (RV) तकनीक:
ग्रह अपने तारे को हल्के से खींचता है जिससे तारा थोड़ा डोलता है। इस डोलने को मापकर वैज्ञानिकों ने इस ग्रह के द्रव्यमान और अस्तित्व की पुष्टि की।
3. यह ग्रह अब तक क्यों छिपा हुआ था?
Kepler-139f का कक्षीय कोण ऐसा है कि यह सीधे अपने तारे के सामने से नहीं गुजरता, इसलिए सामान्य ट्रांज़िट विधि से यह नहीं देखा जा सकता था। इसके स्थान का पता केवल TTV और RV तकनीकों के इस्तेमाल से चल पाया।
4. इस खोज का वैज्ञानिक महत्व:
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छिपे हुए ग्रहों की खोज: यह खोज दिखाती है कि ऐसे कई ग्रह मौजूद हो सकते हैं जो सीधा ट्रांज़िट नहीं करते परंतु मौजूद होते हैं।
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अन्य ग्रहों की सटीक जानकारी: Kepler-139f की खोज से उसके आसपास के अन्य ग्रहों (जैसे Kepler-139c) के घनत्व और कक्षाओं के बारे में सटीक डेटा मिला।
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भविष्य की खोजों का आधार: इस खोज से प्रेरणा लेकर वैज्ञानिक ESA के PLATO मिशन के जरिए और अधिक गहराई से ऐसे छिपे हुए ग्रहों को ढूंढने की योजना बना रहे हैं।
5. वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया:
वैज्ञानिकों का मानना है कि Kepler-139f जैसी खोजें यह दिखाती हैं कि ब्रह्मांड में कई ग्रह हमारी दृष्टि से छिपे हुए हैं। नई तकनीकों की मदद से हम ऐसे ग्रहों को खोज सकते हैं और सौरमंडल से बाहर जीवन की संभावनाओं को और बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
Kepler-139f की खोज यह सिद्ध करती है कि आधुनिक खगोलीय तकनीकें ब्रह्मांड की गहराइयों में छिपे ग्रहों को खोज निकाल सकती हैं। यह ग्रह सीधे दिखाई नहीं देता, लेकिन अपने गुरुत्वीय प्रभाव से दूसरे ग्रहों पर असर डालता है। ऐसे ग्रहों की खोज से हमें ब्रह्मांड की रचना और विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलती हैं।
FAQ
प्रश्न: Kepler-139f कौन सी श्रेणी का ग्रह है?
उत्तर: यह एक "सुपर-अर्थ" श्रेणी का गैसीय ग्रह है।
प्रश्न: यह ग्रह पृथ्वी से कितना भारी है?
उत्तर: इसका द्रव्यमान पृथ्वी से लगभग 36 गुना अधिक है।
प्रश्न: क्या इस ग्रह पर जीवन संभव है?
उत्तर: नहीं, यह नेपच्यून जैसा गैसीय ग्रह है, जीवन के अनुकूल परिस्थितियाँ इसमें नहीं हैं।
प्रश्न: क्या इसे आम टेलीस्कोप से देखा जा सकता है?
उत्तर: नहीं, यह ट्रांज़िट नहीं करता, इसलिए इसे केवल उन्नत तकनीकों जैसे TTV और RV से पहचाना गया।
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