हम आमतौर पर हरी सब्ज़ियों जैसे पालक, भिंडी, और हरी मिर्च को हरे रंग में देखते हैं क्योंकि उनमें क्लोरोफिल होता है। लेकिन गाजर नारंगी और चुकंदर गहरे ला
जानिए गाजर और चुकंदर का रंग हरा नहीं होकर अलग क्यों होता है? - एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण
हम आमतौर पर हरी सब्ज़ियों जैसे पालक, भिंडी, और हरी मिर्च को हरे रंग में देखते हैं क्योंकि उनमें क्लोरोफिल होता है। लेकिन गाजर नारंगी और चुकंदर गहरे लाल या बैंगनी रंग के क्यों होते हैं? इसका कारण इन सब्ज़ियों में पाए जाने वाले विशेष रंजक (Pigments) हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
गाजर का रंग नारंगी क्यों होता है?
गाजर का नारंगी रंग उसमें पाए जाने वाले बीटा-कैरोटीन (Beta-Carotene) नामक पिगमेंट के कारण होता है।
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बीटा-कैरोटीन एक प्रकार का कैरेटिनॉयड (Carotenoid) है।
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यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है और शरीर में जाकर विटामिन A में परिवर्तित हो जाता है।
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यही गाजर को नारंगी रंग देता है और आंखों के लिए फायदेमंद होता है।
चुकंदर का रंग लाल-बैंगनी क्यों होता है?
चुकंदर का गहरा लाल या बैंगनी रंग उसमें मौजूद बेटालेन (Betalain) नामक पिगमेंट के कारण होता है।
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बेटालेन एक पानी में घुलनशील रंजक है।
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यह दो प्रकार का होता है: बेटासायनिन (Betacyanin) – लाल/बैंगनी रंग, और बेटैक्सैन्थिन (Betaxanthin) – पीला/नारंगी रंग।
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चुकंदर में मुख्य रूप से बेटासायनिन अधिक होता है, जो इसे गहरा रंग देता है।
इन सब्ज़ियों में क्लोरोफिल क्यों नहीं होता?
गाजर और चुकंदर पौधों की जड़ (root) होती हैं, न कि हरी पत्तियां या तने।
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चूंकि ये पौधे के भूमिगत भाग हैं और सूर्य की रोशनी के संपर्क में नहीं आते, इसलिए इन जड़ों में क्लोरोफिल बहुत कम या नहीं होता।
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इसके स्थान पर अन्य रंगीन पिगमेंट जैसे कैरोटिनॉयड और बेटालेन इनकी पहचान बनाते हैं।
इन रंगों के स्वास्थ्य लाभ
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गाजर: आंखों की रोशनी के लिए लाभकारी, त्वचा के लिए फायदेमंद, और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर।
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चुकंदर: खून की कमी में उपयोगी, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार और शरीर की सफाई करने वाला तत्व।
गाजर और चुकंदर का रंग अलग होने का कारण उनमें मौजूद विशेष पिगमेंट हैं – गाजर में बीटा-कैरोटीन और चुकंदर में बेटालेन। ये रंग केवल इनकी पहचान ही नहीं हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी होते हैं।
FAQ
प्रश्न: गाजर का रंग नारंगी क्यों होता है?
उत्तर: गाजर में बीटा-कैरोटीन नामक पिगमेंट होता है जो नारंगी रंग देता है। यह विटामिन A का स्रोत है।
प्रश्न: चुकंदर का रंग लाल या बैंगनी क्यों होता है?
उत्तर: चुकंदर में बेटालेन नामक पिगमेंट होता है, खासकर बेटासायनिन, जो इसे गहरा लाल या बैंगनी रंग देता है।
प्रश्न: क्या गाजर और चुकंदर में क्लोरोफिल नहीं होता?
उत्तर: नहीं, क्योंकि ये भूमिगत जड़ें होती हैं और सूर्य के प्रकाश से दूर रहती हैं, इसलिए इनमें क्लोरोफिल नहीं बनता।
प्रश्न: बीटा-कैरोटीन क्या है और यह क्यों फायदेमंद है?
उत्तर: यह एक कैरोटिनॉयड पिगमेंट है जो शरीर में विटामिन A में बदलता है और आंखों तथा त्वचा के लिए लाभकारी होता है।
प्रश्न: चुकंदर में बेटालेन क्या करता है?
उत्तर: बेटालेन चुकंदर को रंग देता है और यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है, जो खून की सफाई और ब्लड प्रेशर नियंत्रण में सहायक होता है।
प्रश्न: क्या इन रंगों का हमारी सेहत पर कोई प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: हाँ, ये पिगमेंट स्वास्थ्यवर्धक हैं – जैसे गाजर आंखों के लिए और चुकंदर खून व हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
प्रश्न: क्या पकाने से इनका रंग बदलता है?
उत्तर: हाँ, अधिक पकाने पर बीटा-कैरोटीन और बेटालेन का रंग हल्का हो सकता है लेकिन अधिकांश पोषक तत्व बने रहते हैं।
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