इतिहास केवल किताबों और शोध-पत्रों में कैद नहीं है, बल्कि यह आज भी लोगों की सोच और समाज की दिशा तय करता है। डॉ. रूचिका शर्मा, एक ऐसी इतिहासकार हैं, जिन
जानिए रूचिका शर्मा: आईशैडो के साथ इतिहास की सच्चाई उजागर करने वाली आधुनिक इतिहासकार
इतिहास केवल किताबों और शोध-पत्रों में कैद नहीं है, बल्कि यह आज भी लोगों की सोच और समाज की दिशा तय करता है। डॉ. रूचिका शर्मा, एक ऐसी इतिहासकार हैं, जिन्होंने इतिहास की मिथ्या कहानियों और गलत धारणाओं को तोड़ने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया—आईशैडो लगाते हुए सच बताना। उनका यूट्यूब चैनल "Eyeshadow & Etihaas" आज इतिहास प्रेमियों और सच के खोजियों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
शिक्षा और करियर
डॉ. रूचिका शर्मा ने इतिहास में एमए, एम.फिल और पीएचडी की पढ़ाई जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से पूरी की।
वर्तमान में वे दिल्ली विश्वविद्यालय के माता सुंदरि कॉलेज में इतिहास की असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
"Eyeshadow & Etihaas" – एक अनोखी पहल
रूचिका शर्मा का यूट्यूब चैनल "Eyeshadow & Etihaas" इतिहास को एक नए अंदाज़ में प्रस्तुत करता है। यहाँ वे आंखों पर आईशैडो लगाते हुए ऐतिहासिक तथ्यों को सामने रखती हैं और उन मिथकों को तोड़ती हैं जो वर्षों से समाज में फैलाई गई हैं।
उनके वीडियो में नालंदा विश्वविद्यालय के विनाश, मुगलों के तथाकथित अत्याचार, और धार्मिक-राजनीतिक मिथकों पर तथ्य आधारित चर्चा होती है।
मिथ-बस्टिंग का साहस
डॉ. शर्मा का मानना है कि इतिहास में सच्चाई को बिना तोड़े-मरोड़े पेश करना जरूरी है। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने बताया कि नालंदा विश्वविद्यालय को अलाउद्दीन खिलजी ने नहीं जलाया था, बल्कि यह घटना संभवतः किसी अन्य बौद्ध संस्था से जुड़ी थी।
वे ऐतिहासिक स्रोतों और प्रमाणों के माध्यम से इस तरह की भ्रांतियों का खंडन करती हैं।
सामाजिक और अकादमिक योगदान
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शोध क्षेत्र: शहरी नियोजन (मांडू, बीजापुर), औपनिवेशिक बंगाल में यौनिकता और निजी कानून।
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प्रकाशन: "Concubinage, Race and Law in Early Colonial Bengal: Bequeathing Intimacy, Servicing the Empire" (Routledge प्रकाशन)।
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सार्वजनिक हस्तक्षेप: NCERT की पाठ्यपुस्तकों में हुए बदलावों पर RTI दाखिल कर पारदर्शिता की मांग।
महिला अधिकार और संवेदनशील मुद्दे
रूचिका शर्मा महिलाओं के अधिकार, धार्मिक प्रतीकों, ‘सती’ प्रथा, ‘हिजाब’ विवाद और मनुस्मृति जैसे संवेदनशील विषयों पर खुलकर अपनी राय रखती हैं। उनके वीडियो में फेमिनिस्ट दृष्टिकोण और सामाजिक आलोचना स्पष्ट दिखाई देती है।
तालिका
क्षेत्र |
विवरण |
शिक्षा |
JNU (PhD), M.Phil, MA (इतिहास) |
वर्तमान पद |
असिस्टेंट प्रोफेसर, माता सुंदरि
कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय |
प्रमुख मंच |
YouTube – Eyeshadow & Etihaas |
विशेषज्ञता |
मध्यकालीन भारत, औपनिवेशिक
इतिहास, मिथ-बस्टिंग |
प्रकाशन |
Routledge से प्रकाशित पुस्तक |
सामाजिक दृष्टि |
फेमिनिस्ट और तथ्य-आधारित अप्रोच |
रूचिका शर्मा उन इतिहासकारों में से हैं जो किताबों से निकलकर डिजिटल मंचों पर आई हैं और जिन्होंने इतिहास को आम लोगों तक रोचक और तथ्यपूर्ण तरीके से पहुँचाया है। उनकी कार्यशैली न केवल अनोखी है, बल्कि यह इस बात का उदाहरण है कि सच बताने के लिए साहस और रचनात्मकता दोनों जरूरी हैं।
FAQ
प्रश्न 1: रूचिका शर्मा कौन हैं?
रूचिका शर्मा एक भारतीय इतिहासकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के माता सुंदरि कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, जो मिथ-बस्टिंग और इतिहास को रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए जानी जाती हैं।
प्रश्न 2: उन्होंने पढ़ाई कहाँ से की है?
उन्होंने एमए, एम.फिल और पीएचडी की पढ़ाई जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से की है।
प्रश्न 3: “Eyeshadow & Etihaas” क्या है?
यह उनका यूट्यूब चैनल है, जहाँ वे आईशैडो लगाते हुए ऐतिहासिक तथ्यों को प्रस्तुत करती हैं और मिथकों का खंडन करती हैं।
प्रश्न 4: रूचिका शर्मा किन विषयों पर काम करती हैं?
वे मध्यकालीन भारतीय इतिहास, औपनिवेशिक भारत, महिलाओं के अधिकार, धार्मिक मिथकों और इतिहास में फैली गलत धारणाओं पर काम करती हैं।
प्रश्न 5: उनकी लिखी पुस्तक का नाम क्या है?
उनकी पुस्तक का नाम "Concubinage, Race and Law in Early Colonial Bengal: Bequeathing Intimacy, Servicing the Empire" है, जिसे Routledge ने प्रकाशित किया है।
प्रश्न 6: क्या उन्होंने NCERT के खिलाफ कोई पहल की है?
हाँ, उन्होंने NCERT की पाठ्यपुस्तकों में इतिहास से जुड़े बदलावों पर RTI दायर की है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
प्रश्न 7: उनका फेमिनिस्ट दृष्टिकोण किन मुद्दों पर दिखता है?
वे सती प्रथा, हिजाब विवाद, मनुस्मृति और महिलाओं की ऐतिहासिक भूमिका जैसे मुद्दों पर फेमिनिस्ट नजरिया रखती हैं।
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