“बीमारू राज्य (BIMARU States)” शब्द का प्रयोग भारत के उन राज्यों के लिए किया गया था जो लंबे समय तक विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक प्रगति के मामले
जानिए भारत के बीमारू राज्यों के बारे में
“बीमारू राज्य (BIMARU States)” शब्द का प्रयोग भारत के उन राज्यों के लिए किया गया था जो लंबे समय तक विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक प्रगति के मामले में पिछड़े रहे।
यह शब्द 1980 के दशक में जनसंख्या वैज्ञानिक अशोक मित्रा और बाद में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अशोक रुद्र एवं अशोक गुप्ता द्वारा लोकप्रिय हुआ।
2. BIMARU का पूरा रूप (Abbreviation)
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B – Bihar (बिहार)
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I – Madhya Pradesh (मध्य प्रदेश)
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R – Rajasthan (राजस्थान)
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U – Uttar Pradesh (उत्तर प्रदेश)
साल 2000 में झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड क्रमशः बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से अलग हुए। इसलिए कई बार इन्हें “BIMARU Plus States” कहा जाता है।
3. बीमारू शब्द का अर्थ (Meaning of BIMARU)
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हिंदी में “बीमार” का अर्थ है अस्वस्थ या कमजोर।
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प्रतीकात्मक रूप से इन राज्यों को “अर्थव्यवस्था और विकास के मामले में बीमार” माना गया।
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शिक्षा, स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास, और जीवन-स्तर के संकेतक राष्ट्रीय औसत से काफी कम थे।
4. मुख्य विशेषताएँ (Key Features of BIMARU States)
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जनसंख्या वृद्धि:
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भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती आबादी इन्हीं राज्यों में रही।
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परिवार नियोजन और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी।
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शिक्षा में पिछड़ापन:
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साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम।
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खासकर महिला साक्षरता में भारी अंतर।
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स्वास्थ्य सुविधाएँ:
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शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर अधिक।
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ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों और डॉक्टरों की भारी कमी।
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आर्थिक विकास की कमी:
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उद्योग और निवेश कम।
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कृषि पर अधिक निर्भरता, परंतु आधुनिक तकनीक की कमी।
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बुनियादी ढाँचे की समस्या:
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सड़क, बिजली, परिवहन और रोजगार की कमी।
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5. आलोचना (Criticism of the Term)
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“बीमारू” शब्द को अपमानजनक और नकारात्मक बताया गया।
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कई विद्वानों ने कहा कि इससे पूरे राज्य को “बीमार” घोषित कर दिया जाता है, जबकि वहाँ कई तेज़ी से विकसित होने वाले क्षेत्र भी मौजूद हैं।
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कुछ राज्यों (जैसे राजस्थान और मध्य प्रदेश) ने 2000 के बाद विकास दर में सुधार दिखाया।
6. वर्तमान स्थिति (Present Status)
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बिहार और उत्तर प्रदेश अब भी सामाजिक-आर्थिक संकेतकों में पिछड़े हुए हैं।
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राजस्थान और मध्य प्रदेश ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक विकास में सुधार किया है, पर अभी भी राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं।
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झारखंड और छत्तीसगढ़ (BIMARU Plus) में खनिज संपदा होने के बावजूद गरीबी और नक्सलवाद जैसी समस्याएँ बनी हुई हैं।
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इन राज्यों की जनसंख्या का आकार भारत की राजनीति और संसदीय सीटों पर गहरा असर डालता है।
7. महत्व (Significance)
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भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 40% BIMARU राज्यों में निवास करता है।
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अगर ये राज्य तेजी से विकसित होते हैं, तो भारत की कुल आर्थिक वृद्धि दर (GDP growth) में बड़ा योगदान देंगे।
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इन राज्यों की स्थिति सुधारना, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आवश्यक है।
BIMARU States = Bihar, Madhya Pradesh, Rajasthan, Uttar Pradesh.
ये राज्य लंबे समय तक शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक विकास में पिछड़े रहे।
हालाँकि कुछ सुधार हुए हैं, लेकिन अभी भी भारत की गरीबी, अशिक्षा और जनसंख्या समस्याओं का बड़ा हिस्सा इन्हीं राज्यों से आता है।
FAQ
Q. बीमारू (BIMARU) राज्यों का मतलब क्या है?
बीमारू राज्यों से आशय भारत के उन राज्यों से है जो आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य के मामले में पिछड़े रहे।
Q. BIMARU शब्द का पूरा रूप क्या है?
B – Bihar (बिहार), I – Madhya Pradesh (मध्य प्रदेश), R – Rajasthan (राजस्थान), U – Uttar Pradesh (उत्तर प्रदेश)।
Q. बीमारू शब्द किसने दिया था?
यह शब्द 1980 के दशक में जनसंख्या वैज्ञानिक अशोक मित्रा ने पहली बार प्रयोग किया और बाद में अन्य अर्थशास्त्रियों ने इसे लोकप्रिय बनाया।
Q. BIMARU शब्द का अर्थ क्या है?
हिंदी शब्द “बीमार” का मतलब है अस्वस्थ या कमजोर। प्रतीकात्मक रूप से इन राज्यों को विकास के मामले में बीमार माना गया।
Q. बीमारू राज्यों की मुख्य समस्याएँ क्या थीं?
जनसंख्या वृद्धि, कम साक्षरता, कमजोर स्वास्थ्य सेवाएँ, गरीबी, रोजगार की कमी और बुनियादी ढाँचे का अभाव।
Q. BIMARU Plus States किन्हें कहा जाता है?
झारखंड (बिहार से), छत्तीसगढ़ (मध्य प्रदेश से) और उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश से) – ये राज्य 2000 में अलग हुए और कई बार इन्हें भी BIMARU Plus कहा जाता है।
Q. क्या अब भी ये राज्य बीमारू हैं?
कुछ राज्यों (जैसे राजस्थान और मध्य प्रदेश) ने विकास में सुधार दिखाया है, लेकिन बिहार और उत्तर प्रदेश अभी भी कई सामाजिक-आर्थिक संकेतकों में पीछे हैं।
Q. भारत के विकास में बीमारू राज्यों की क्या भूमिका है?
भारत की लगभग 40% आबादी इन राज्यों में रहती है, इसलिए इनका विकास भारत की समग्र आर्थिक वृद्धि और भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
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