उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत विविधता लिए हुए है। इसी विविधता के आधार पर
जानिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश, अवध और पूर्वांचल के आधार पर उत्तर प्रदेश का क्षेत्रीय विभाजन
उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत विविधता लिए हुए है। इसी विविधता के आधार पर उत्तर प्रदेश को आमतौर पर तीन प्रमुख हिस्सों में बाँटा जाता है – पश्चिमी उत्तर प्रदेश, अवध और Purvanchal (पूर्वांचल)। इन क्षेत्रों की अपनी-अपनी विशिष्ट पहचान, बोली, खान-पान, संस्कृति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है।
1. पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Paschim Uttar Pradesh)
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राज्य का वह हिस्सा है जो दिल्ली और हरियाणा की सीमा से सटा हुआ है।
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इसमें मेरठ, सहारनपुर, बरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, मुजफ्फरनगर, आगरा आदि जिले शामिल हैं।
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यहाँ की संस्कृति पर ब्रज और हरियाणा का प्रभाव देखा जाता है।
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गन्ना उत्पादन, चीनी उद्योग और फल-सब्ज़ी की खेती इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की पहचान है।
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भाषा के रूप में यहाँ खड़ी बोली और ब्रजभाषा अधिक प्रचलित है।
2. अवध (Awadh)
अवध उत्तर प्रदेश का मध्य भाग है, जिसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत अत्यंत समृद्ध रही है।
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इसमें लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, फैज़ाबाद (अयोध्या), रायबरेली, सुल्तानपुर, गोंडा, बहराइच आदि जिले आते हैं।
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अवध का इतिहास नवाबी शासन और उनकी कला-संस्कृति से जुड़ा हुआ है।
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लखनऊ को “नवाबों का शहर” कहा जाता है, जहाँ की तहज़ीब, अदब, खाना-पकवान (जैसे कबाब, बिरयानी) प्रसिद्ध हैं।
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यहाँ की भाषा में अवधी प्रमुख है।
3. पूर्वांचल (Purvanchal)
पूर्वांचल, उत्तर प्रदेश का पूर्वी हिस्सा है और यह बिहार की सीमा से लगा हुआ है।
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इसमें वाराणसी, गोरखपुर, आज़मगढ़, बलिया, देवरिया, मऊ, भदोही, संत कबीरनगर, जौनपुर आदि जिले आते हैं।
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यह क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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काशी (वाराणसी) को विश्व की प्राचीनतम नगरी माना जाता है और गोरखपुर गोरखनाथ पीठ के लिए प्रसिद्ध है।
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यहाँ भोजपुरी और पूर्वी हिंदी की बोलियाँ अधिक बोली जाती हैं।
उत्तर प्रदेश का यह क्षेत्रीय विभाजन केवल भौगोलिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भाषाई विविधता का भी परिचायक है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश अपनी औद्योगिक और कृषि प्रधानता के लिए, अवध अपनी तहज़ीब और नवाबी संस्कृति के लिए तथा Purvanchal अपनी धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यही विविधता उत्तर प्रदेश को भारत के सबसे महत्वपूर्ण और समृद्ध राज्यों में स्थान दिलाती है।
FAQ
प्रश्न 1: उत्तर प्रदेश को कितने हिस्सों में बाँटा जाता है?
उत्तर प्रदेश को सामान्यतः तीन हिस्सों में बाँटा जाता है – पश्चिमी उत्तर प्रदेश, अवध और पूर्वांचल।
प्रश्न 2: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कौन-कौन से जिले आते हैं?
मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, नोएडा, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, मुरादाबाद, आगरा, बरेली आदि जिले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आते हैं।
प्रश्न 3: अवध क्षेत्र की खास पहचान क्या है?
अवध क्षेत्र की पहचान नवाबी संस्कृति, लखनऊ की तहज़ीब, अदब, और मशहूर व्यंजनों जैसे कबाब व बिरयानी से है।
प्रश्न 4: पूर्वांचल किसके लिए प्रसिद्ध है?
पूर्वांचल धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। वाराणसी (काशी) और गोरखपुर इसके प्रमुख केंद्र हैं। यहाँ भोजपुरी और पूर्वी हिंदी की बोलियाँ बोली जाती हैं।
प्रश्न 5: इन क्षेत्रों का विभाजन किस आधार पर हुआ है?
यह विभाजन मुख्यतः भौगोलिक, सांस्कृतिक, भाषाई और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के आधार पर माना जाता है, न कि आधिकारिक प्रशासनिक आधार पर।
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