कुर्मी जाति भारत की प्रमुख कृषक जातियों में से एक है, जिनकी परंपराएँ और धार्मिक मान्यताएँ गहरी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी हुई हैं। कुर्मी समाज में कुल
जानिए कुर्मी जाति के कुल देवता कौन हैं ?
कुर्मी जाति भारत की प्रमुख कृषक जातियों में से एक है, जिनकी परंपराएँ और धार्मिक मान्यताएँ गहरी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी हुई हैं। कुर्मी समाज में कुल देवता की पूजा का विशेष महत्व होता है। कुल देवता को परिवार और वंश का रक्षक माना जाता है, जिनकी आराधना पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।
कुर्मी जाति के कुल देवता
कुर्मी जाति में अलग-अलग क्षेत्रों और उपजातियों के अनुसार कुल देवता भिन्न-भिन्न माने जाते हैं। सामान्य रूप से –
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भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन (सहस्त्रार्जुन) – कुर्मी समाज में इन्हें प्रमुख कुल देवता के रूप में माना जाता है। सहस्त्रबाहु अर्जुन को शक्ति, पराक्रम और धर्म रक्षा का प्रतीक माना जाता है।
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माता दुर्गा / काली माता – कुछ क्षेत्रों में कुर्मी समाज कुल देवी के रूप में दुर्गा माता या काली माता की पूजा करता है।
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स्थानीय ग्राम देवता – अलग-अलग गांवों और क्षेत्रों में कुर्मी समाज अपने-अपने कुल देवता या ग्राम देवता की भी पूजा करता है।
कुल देवता की पूजा
कुर्मी समाज में कुल देवता की पूजा विशेष अवसरों पर की जाती है, जैसे –
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विवाह
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संतान जन्म
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त्यौहार और शुभ कार्य
इन अवसरों पर कुल देवता की विशेष पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया जाता है।
मान्यता
कुर्मी समाज का विश्वास है कि कुल देवता उनकी रक्षा करते हैं, परिवार में सुख-समृद्धि लाते हैं और विपत्तियों से बचाते हैं।
कुर्मी जाति के कुल देवता मुख्य रूप से सहस्त्रबाहु अर्जुन माने जाते हैं, लेकिन क्षेत्र और परंपरा के अनुसार माता दुर्गा, काली माता या अन्य ग्राम देवताओं की पूजा भी कुल देवता के रूप में की जाती है। यह परंपरा कुर्मी समाज की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
FAQ
प्रश्न 1: कुर्मी जाति के प्रमुख कुल देवता कौन हैं?
उत्तर: कुर्मी जाति के प्रमुख कुल देवता सहस्त्रबाहु अर्जुन (सहस्त्रार्जुन) माने जाते हैं।
प्रश्न 2: क्या कुर्मी समाज केवल सहस्त्रबाहु अर्जुन की ही पूजा करता है?
उत्तर: नहीं, क्षेत्र और परंपरा के अनुसार कुर्मी समाज माता दुर्गा, काली माता या स्थानीय ग्राम देवताओं की भी कुल देवी/देवता के रूप में पूजा करता है।
प्रश्न 3: कुर्मी समाज में कुल देवता की पूजा कब की जाती है?
उत्तर: विवाह, संतान जन्म, त्योहार और अन्य शुभ अवसरों पर कुल देवता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
प्रश्न 4: कुल देवता की पूजा का महत्व क्या है?
उत्तर: कुर्मी समाज का विश्वास है कि कुल देवता परिवार और वंश की रक्षा करते हैं, सुख-समृद्धि लाते हैं और विपत्तियों से बचाते हैं।
प्रश्न 5: सहस्त्रबाहु अर्जुन को कुर्मी समाज क्यों पूजता है?
उत्तर: सहस्त्रबाहु अर्जुन को शक्ति, पराक्रम और धर्म रक्षा का प्रतीक माना जाता है और उन्हें कुर्मी समाज का आदिपुरुष भी माना जाता है।
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