कई बार कुछ परिस्थितियों जैसे अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिलना, परिवार की अनजान स्थिति या अन्य कारणों से बच्चे को जन्म के समय टीके नहीं लग पाते। ऐसे में अ
जानिए अगर बच्चे को जन्म के 1 महीने तक कोई टीका नहीं लगा हो तो क्या करें
कई बार कुछ परिस्थितियों जैसे अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिलना, परिवार की अनजान स्थिति या अन्य कारणों से बच्चे को जन्म के समय टीके नहीं लग पाते। ऐसे में अभिभावकों के मन में यह सवाल आता है कि अब क्या किया जाए? क्या देर होने से बच्चे को कोई नुकसान होगा? इसका उत्तर है — नहीं, यदि सही समय पर टीकाकरण शुरू कर दिया जाए तो बच्चा पूरी सुरक्षा पा सकता है। आइए जानते हैं कि अगर बच्चे को जन्म के 1 महीने तक कोई टीका नहीं लगा हो तो क्या कदम उठाने चाहिए।
1. तुरंत डॉक्टर या स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें
यदि बच्चे को अभी तक कोई टीका नहीं लगा है, तो सबसे पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या बाल रोग विशेषज्ञ (पेडियाट्रिशियन) से संपर्क करें। डॉक्टर बच्चे की उम्र देखकर कैच-अप टीकाकरण (Catch-up Vaccination) का शेड्यूल बनाएंगे ताकि कोई टीका छूट न जाए।
2. कौन-कौन से टीके तुरंत दिए जा सकते हैं
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टीका |
सुरक्षा के लिए |
कब तक दिया जा सकता है |
कहाँ दिया जाता है |
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बीसीजी (BCG) |
क्षय रोग (टी.बी.) |
1 वर्ष तक |
बायां ऊपरी बांह |
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ओपीवी-1 (Oral Polio Vaccine) |
पोलियो |
6 सप्ताह से प्रारंभ करें |
मुंह से 2 बूंदें |
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हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) |
लीवर संक्रमण |
जितनी जल्दी दें उतना बेहतर |
दाहिनी जांघ |
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पेंटावैलेंट-1 |
डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, Hib संक्रमण |
6 सप्ताह की उम्र से |
बाईं जांघ |
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रोटावायरस वैक्सीन |
डायरिया (दस्त) |
15 सप्ताह से पहले शुरू करें |
मुंह से |
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पीसीवी (Pneumococcal) |
निमोनिया, कान व मस्तिष्क
संक्रमण |
6 सप्ताह से |
जांघ में इंजेक्शन |
3. टीकाकरण का क्रम (अगर बच्चा 1 माह का है)
- पहला दौरा (अभी): बीसीजी, हेपेटाइटिस बी, ओपीवी-1, पेंटावैलेंट-1, रोटावायरस-1, पीसीवी-1
- दूसरा दौरा (4 सप्ताह बाद): वही टीके – दूसरे डोज
- तीसरा दौरा (अगले 4 सप्ताह बाद): तीसरे डोज
- 9 महीने की उम्र पर: खसरा-रुबेला (MR) टीका
इस तरह बच्चा धीरे-धीरे पूरी तरह सुरक्षित हो जाता है।
4. देरी होने पर भी डरें नहीं
अगर किसी कारणवश टीकाकरण में देरी हुई है, तो घबराएं नहीं। टीके की खुराकें छूटी नहीं जातीं, बल्कि आगे दी जाती हैं। डॉक्टर यह तय करते हैं कि कौन सा टीका कब से शुरू करना है और कौन सी खुराक छोड़नी नहीं है।
5. सावधानियां
- बच्चे को टीका लगने के बाद आराम दें।
- टीका लगने की जगह पर मालिश या दबाव न डालें।
- हल्का बुखार या सूजन सामान्य है, डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा दी जा सकती है।
- अगली टीकाकरण तिथि को कार्ड में लिखवाकर याद रखें।
जन्म के एक महीने बाद भी अगर बच्चे को कोई टीका नहीं लगा है, तो चिंता की बात नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि अब तुरंत टीकाकरण शुरू किया जाए ताकि बच्चा जीवनभर गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रहे। डॉक्टर के मार्गदर्शन में कैच-अप टीकाकरण से बच्चा उतनी ही सुरक्षा प्राप्त कर सकता है, जितनी जन्म के समय टीके लगने से मिलती है।
FAQ
प्रश्न 1: अगर बच्चे को जन्म के 1 महीने तक कोई टीका नहीं लगा तो क्या करना चाहिए?
सबसे पहले नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और कैच-अप टीकाकरण (Catch-up Vaccination) शेड्यूल बनवाएं।
प्रश्न 2: कौन-कौन से टीके तुरंत दिए जा सकते हैं?
बीसीजी (BCG), ओपीवी-1 (Oral Polio Vaccine), हेपेटाइटिस बी, पेंटावैलेंट-1, रोटावायरस-1 और पीसीवी-1।
प्रश्न 3: क्या देरी होने पर टीकों का असर कम हो जाता है?
नहीं। देरी होने पर भी टीकों की खुराकें पूरी की जा सकती हैं। डॉक्टर सही कैच-अप शेड्यूल के अनुसार टीके देंगे।
प्रश्न 4: टीका लगने के बाद बच्चे की क्या देखभाल करनी चाहिए?
- बच्चे को आराम दें।
- इंजेक्शन लगने की जगह पर मालिश या दबाव न डालें।
- हल्का बुखार या सूजन सामान्य है, डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार दवा दी जा सकती है।
प्रश्न 5: अगली टीकाकरण तिथि कैसे याद रखी जाए?
टीकाकरण कार्ड में अगली तारीख लिखवाकर, नोटबुक या फोन में नोट कर लें।
प्रश्न 6: क्या बच्चा 1 महीने के बाद भी पूरी तरह सुरक्षित हो सकता है?
हाँ। कैच-अप टीकाकरण शुरू कर देने से बच्चा उतनी ही सुरक्षा पा सकता है जितनी समय पर टीके लगाने से मिलती है।


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