मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) एक ऐसा बिज़नेस मॉडल है जिसमें किसी कंपनी के उत्पाद या सेवाएं सीधे लोगों के नेटवर्क के ज़रिए बेची जाती हैं। इसमें हर व्यक्त
जानिए मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) कैसे काम करता है – क्या यह एक फ्रॉड स्कीम है ?
मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) एक ऐसा बिज़नेस मॉडल है जिसमें किसी कंपनी के उत्पाद या सेवाएं सीधे लोगों के नेटवर्क के ज़रिए बेची जाती हैं। इसमें हर व्यक्ति अपने उत्पाद बेचने के साथ-साथ दूसरे लोगों को जोड़कर भी पैसा कमा सकता है।
यानि आपकी कमाई दो तरह से होती है –
- अपने द्वारा बेचे गए उत्पादों से।
- अपने नीचे जुड़े लोगों (डाउनलाइन) की बिक्री से एक प्रतिशत हिस्सा।
MLM कैसे काम करता है – चरण दर चरण
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कंपनी से जुड़ना:
आप किसी MLM कंपनी से जुड़ते हैं। इसके लिए आपको एक छोटा शुल्क या स्टार्टअप किट खरीदनी पड़ती है। -
उत्पाद बेचना:
आप कंपनी के उत्पाद (जैसे हेल्थ सप्लीमेंट, कॉस्मेटिक या घरेलू वस्तुएं) सीधे ग्राहकों को बेचते हैं। -
नए सदस्य जोड़ना:
आप दूसरों को इस बिज़नेस से जोड़ते हैं। ये लोग आपकी “डाउनलाइन” कहलाते हैं। -
कमीशन प्राप्त करना:
जब आपकी डाउनलाइन उत्पाद बेचती है, तो आपको उनकी बिक्री से भी एक छोटा प्रतिशत कमीशन मिलता है। -
नेटवर्क बढ़ाना:
जैसे-जैसे आपके नीचे लोग जुड़ते जाते हैं, आपकी नेटवर्क लेवल बढ़ती जाती है और आप कई स्तरों से कमाई कर सकते हैं।
एक सरल उदाहरण
मान लीजिए, आपने “हेल्थप्लस” (HealthPlus) नामक MLM कंपनी जॉइन की, जो प्रोटीन शेक बेचती है।
- आपने ₹2,000 का स्टार्टर किट खरीदा।
- आपने 10 प्रोटीन शेक बेचकर ₹500 का मुनाफ़ा कमाया।
अब आप दो लोगों को अपने नीचे जोड़ते हैं – रोहन और प्रियंका।
- रोहन और प्रियंका भी 10-10 शेक बेचते हैं।
- वे अपने मुनाफ़े के साथ-साथ आपकी कमाई में भी योगदान करते हैं, क्योंकि आपको उनकी बिक्री से 10% कमीशन मिलता है।
अगर रोहन और प्रियंका भी आगे नए लोगों को जोड़ते हैं, तो आपकी नेटवर्क और बढ़ेगी और आपको नीचे की लेवल से भी थोड़ी-थोड़ी कमाई मिलेगी।
इसीलिए इसे मल्टी लेवल मार्केटिंग कहा जाता है – क्योंकि कमाई कई स्तरों से होती है।
कानूनी और वैध MLM बनाम धोखाधड़ी वाले स्कीम
वैध MLM कंपनी:
अगर कंपनी असली उत्पाद बेचती है और मुख्य उद्देश्य उत्पाद की बिक्री है, तो यह वैध और कानूनी होती है।
पिरामिड स्कीम (Pyramid Scheme):
अगर कमाई सिर्फ लोगों को जोड़ने से होती है, उत्पाद बेचने से नहीं, तो यह अवैध और धोखाधड़ी मानी जाती है।
भारत में प्रसिद्ध MLM कंपनियां
- एमवे (Amway)
- ऑरिफ्लेम (Oriflame)
- टपरवेयर (Tupperware)
- हर्बलाइफ (Herbalife)
फायदे (Advantages)
- कम पूंजी में शुरू किया जा सकता है।
- लचीलापन और पार्ट-टाइम काम की सुविधा।
- नेटवर्क बड़ा होने पर निष्क्रिय (Passive) आय संभव।
नुकसान (Disadvantages)
- बहुत से लोग इसमें पैसा नहीं कमा पाते।
- भर्ती का दबाव रहता है।
- कई फेक और पिरामिड स्कीम्स इसके नाम पर चलती हैं।
“MLM में आप उत्पाद बेचकर और अपनी टीम बनाकर पैसा कमा सकते हैं। लेकिन अगर बिज़नेस सिर्फ लोगों को जोड़ने पर आधारित हो, तो वह MLM नहीं बल्कि एक पिरामिड स्कीम होती है, जो अवैध है।”मल्टी लेवल मार्केटिंग एक वैध तरीका हो सकता है यदि इसका उद्देश्य उत्पाद बेचना हो, लेकिन सावधान रहें कि आप किसी नकली स्कीम में फँसे नहीं।
FAQ
प्रश्न 1: MLM और पिरामिड स्कीम में क्या अंतर है?
MLM में असली उत्पाद या सेवाएं बेची जाती हैं और कमाई बिक्री व टीम पर निर्भर होती है, जबकि पिरामिड स्कीम में कमाई केवल लोगों को जोड़ने से होती है, कोई असली उत्पाद नहीं होता।
प्रश्न 2: क्या MLM भारत में कानूनी है?
हाँ, यदि कंपनी वास्तविक उत्पाद बेच रही है और कानून का पालन कर रही है तो MLM कानूनी है। केवल भर्ती आधारित स्कीम अवैध मानी जाती हैं।
प्रश्न 3: क्या MLM से अमीर बना जा सकता है?
संभावना है, लेकिन बहुत कम लोग इसमें बड़ी कमाई करते हैं। मेहनत, नेटवर्क और सही कंपनी का चयन जरूरी है।
प्रश्न 4: MLM शुरू करने के लिए कितना निवेश चाहिए?
अधिकतर MLM कंपनियों में ₹1000 से ₹5000 तक का स्टार्टअप किट या जॉइनिंग शुल्क होता है, लेकिन निवेश से ज़्यादा जरूरी है सही कंपनी चुनना।
प्रश्न 5: MLM में नुकसान क्यों होता है?
कई बार लोग सिर्फ भर्ती पर ध्यान देते हैं या नकली स्कीम में फँस जाते हैं। बिक्री न होने पर और टीम न बढ़ने पर नुकसान होता है।
प्रश्न 6: भारत में कौन-कौन सी प्रसिद्ध MLM कंपनियां हैं?
एमवे, ऑरिफ्लेम, टपरवेयर, और हर्बलाइफ जैसी कंपनियां भारत में वैध और प्रसिद्ध MLM कंपनियां हैं।
प्रश्न 7: क्या MLM से पार्ट टाइम काम किया जा सकता है?
हाँ, MLM को पार्ट टाइम रूप में भी किया जा सकता है। यह पूरी तरह आपके समय और नेटवर्क पर निर्भर करता है।


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